शब्दों के साथ-साथ 2, भाषा और शब्द प्रयोग के रहस्यों को खोजने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। लेखक इस पुस्तक में आम तौर पर प्रयोग में आने वाले शब्दों की ही नहीं, बल्कि उनके प्रचलन के पीछे छिपी कहानियों, भावनाओं और उनकी अर्थ छटाओं की खोज करता चलता है। यह एक नीरस-से लगने वाले विषय को सरस बनाने की ऐसी साहित्यिक यात्रा है, जो पाठकों को भाषा प्रयोग की बारीकियों को समझाते हुए उन्हें भाषा की संवेदनशीलता की ओर ले चलती है।
यह एक साहित्यिक अन्वेषण है, जो पाठकों को शब्दों की गहराइयों में ले जाता है और अधिक-से-अधिक समझने के लिए प्रेरित करता है। 'शब्दों के साथ-साथ 2' भाषा रहस्यों के खज़ाने को खोलने की एक चाबी है जो हिंदी के साम�... See more
शब्दों के साथ-साथ 2, भाषा और शब्द प्रयोग के रहस्यों को खोजने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है। लेखक इस पुस्तक में आम तौर पर प्रयोग में आने वाले शब्दों की ही नहीं, बल्कि उनके प्रचलन के पीछे छिपी कहानियों, भावनाओं और उनकी अर्थ छटाओं की खोज करता चलता है। यह एक नीरस-से लगने वाले विषय को सरस बनाने की ऐसी साहित्यिक यात्रा है, जो पाठकों को भाषा प्रयोग की बारीकियों को समझाते हुए उन्हें भाषा की संवेदनशीलता की ओर ले चलती है।
यह एक साहित्यिक अन्वेषण है, जो पाठकों को शब्दों की गहराइयों में ले जाता है और अधिक-से-अधिक समझने के लिए प्रेरित करता है। 'शब्दों के साथ-साथ 2' भाषा रहस्यों के खज़ाने को खोलने की एक चाबी है जो हिंदी के सामान्य जिज्ञासु पाठकों के अतिरिक्त मीडिया कर्मियों, अनुवादकों, अध्यापकों, शिक्षार्थियों के लिए समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।
भाषा के रहस्यों को खोलने वाली और भाषा के शब्द भंडार और शब्द विवेक को समझाने वाली एक उत्कृष्ट रचना, जो हिंदी को बरतने वालों के लिए नित्य काम में आने वाली संदर्भ पुस्तक है।