हेमलता प्रतिष्ठित और लोकप्रिय गायिका हैं। उन्होंने अपनी मधुर और भावपूर्ण आवाज़ से हिंदी सिनेमा जगत में गहरी छाप छोड़ी है। उनके पिता पंडित जयचंद भट्ट सर्वोन्नत कोटि के शास्त्रीय गायक थे, इसी वजह हेमलता को बचपन से ही संगीत का माहौल मिला। उन्होंने रवींद्र जैन, उषा खन्ना, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और कल्याणजी-आनंदजी जैसे दिग्गज संगीतकारों के साथ काम किया। 'अँखियों के झरोखों से, मैंने देखा जो साँवरे', 'कौन दिशा में लेके चला रे बटोहिया?', 'तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है', 'तू जो मेरे सुर में सुर मिला ले, संग गा ले', 'मेघा ओ रे मेघा, तू तो जाए देश विदेश', 'जब दीप जले आना, जब शाम ढले आना', जैसे उनके गीत आज भी गीत-संगीत प्रेमिय... See more
हेमलता प्रतिष्ठित और लोकप्रिय गायिका हैं। उन्होंने अपनी मधुर और भावपूर्ण आवाज़ से हिंदी सिनेमा जगत में गहरी छाप छोड़ी है। उनके पिता पंडित जयचंद भट्ट सर्वोन्नत कोटि के शास्त्रीय गायक थे, इसी वजह हेमलता को बचपन से ही संगीत का माहौल मिला। उन्होंने रवींद्र जैन, उषा खन्ना, लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल और कल्याणजी-आनंदजी जैसे दिग्गज संगीतकारों के साथ काम किया। 'अँखियों के झरोखों से, मैंने देखा जो साँवरे', 'कौन दिशा में लेके चला रे बटोहिया?', 'तू इस तरह से मेरी ज़िंदगी में शामिल है', 'तू जो मेरे सुर में सुर मिला ले, संग गा ले', 'मेघा ओ रे मेघा, तू तो जाए देश विदेश', 'जब दीप जले आना, जब शाम ढले आना', जैसे उनके गीत आज भी गीत-संगीत प्रेमियों में बेहद लोकप्रिय हैं। ये गीत सदाबहार हैं। हेमलता की आवाज़ में अद्भुत सादगी और कोमलता है, जो उनके गीतों को गहराई देती है और श्रोताओं के मन पर भावनात्मक प्रभाव छोड़ती है। उन्होंने अपने गीतों में भारतीय सांस्कृतिक तत्त्वों को बड़ी सुंदरता से समाहित किया है। हेमलता ने अपनी असरदार आवाज़ ने भारतीय संगीत को समृद्ध किया है।