पिस्तौल और बम कभी इन्कलाब नहीं लाते बल्कि इन्कलाब की तलवार विचारों की सान पर तेज़ होती है। - भगतसिंह अमर शहीद प्रसिद्ध क्रान्तिकारी सरदार भगतसिंह की यह प्रामाणिक जीवनी उनके छोटे भाई कुलतारसिंह की सुपुत्री वीरेन्द्र सिन्धु द्वारा वर्षों के अध्ययन और शोध का परिणाम है। भगतसिंह के परिवार के सभी वरिष्ठ सदस्यों की जुबानी लेखिका को जो महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ मिलीं, पहली बार वे सब इस पुस्तक में उपलब्ध हैं। इसमें भगतसिंह और उनके पुरखों के जीवन-वृत्त तो हैं ही, साथ ही युवा क्रांन्तिकारियों द्वारा अंग्रेज़ों से देश की आज़ादी के संघर्ष का रोमांचक वर्णन भी है। इस पुस्तक की लेखिका वीरेन्द्र सिन्धु भगतसिंह के छोटे �... See more
पिस्तौल और बम कभी इन्कलाब नहीं लाते बल्कि इन्कलाब की तलवार विचारों की सान पर तेज़ होती है। - भगतसिंह अमर शहीद प्रसिद्ध क्रान्तिकारी सरदार भगतसिंह की यह प्रामाणिक जीवनी उनके छोटे भाई कुलतारसिंह की सुपुत्री वीरेन्द्र सिन्धु द्वारा वर्षों के अध्ययन और शोध का परिणाम है। भगतसिंह के परिवार के सभी वरिष्ठ सदस्यों की जुबानी लेखिका को जो महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ मिलीं, पहली बार वे सब इस पुस्तक में उपलब्ध हैं। इसमें भगतसिंह और उनके पुरखों के जीवन-वृत्त तो हैं ही, साथ ही युवा क्रांन्तिकारियों द्वारा अंग्रेज़ों से देश की आज़ादी के संघर्ष का रोमांचक वर्णन भी है। इस पुस्तक की लेखिका वीरेन्द्र सिन्धु भगतसिंह के छोटे भाई कुलतारसिंह की बेटी हैं। उनके जन्म के समय कुलतारसिंह जेल में थे और छह वर्ष की उम्र तक पिता से उनकी मुलाकात जेल में ही होती थी। भगतसिंह के शहीद होने के नौ वर्ष बाद जन्मी वीरेन्द्र सिन्धु को देशप्रेम, क्रान्ति और बलिदान विरासत में मिली धरोहर है। इनकी अन्य पुस्तकें हैं-भगतसिंह: पत्र और दस्तावेज़ और मेरे क्रान्तिकारी साथी। एक प्रामाणिक, ऐतिहासिक दस्तावेज़।