अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध लेखक और बुकर पुरस्कार विजेता सलमान रश्दी की ओर से, उनके खिलाफ दिए गए फतवे के तीस साल बाद, उनकी जान लेने की एक निर्दयी कोशिश को लेकर एक मर्मभेदी, निजी ब्योरा। 12 अगस्त, 2022 की सुबह, सलमान रश्दी चॉटॉक्वा इंस्टीट्यूशन के मंच पर अपने व्याख्यान की तैयारी कर रहे थे, तभी काला लिबास और काला नकाब पहने एक शख्स चाकू लहराता हुआ उनकी तरफ दौड़ा। इसके बाद हिंसा की वीभत्स घटना ने पूरी साहित्यिक दुनिया को हिला कर रख दिया। अब, पहली बार, इस अविस्मरणीय विवरण में, रुश्दी उस दिन और उसके बाद की दर्दनाक घटनाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ की अपनी यात्रा को याद कर रहे हैं। चाकू (नाइफ) में रश्दी अपनी शक्तियों के चरम ... See more
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध लेखक और बुकर पुरस्कार विजेता सलमान रश्दी की ओर से, उनके खिलाफ दिए गए फतवे के तीस साल बाद, उनकी जान लेने की एक निर्दयी कोशिश को लेकर एक मर्मभेदी, निजी ब्योरा। 12 अगस्त, 2022 की सुबह, सलमान रश्दी चॉटॉक्वा इंस्टीट्यूशन के मंच पर अपने व्याख्यान की तैयारी कर रहे थे, तभी काला लिबास और काला नकाब पहने एक शख्स चाकू लहराता हुआ उनकी तरफ दौड़ा। इसके बाद हिंसा की वीभत्स घटना ने पूरी साहित्यिक दुनिया को हिला कर रख दिया। अब, पहली बार, इस अविस्मरणीय विवरण में, रुश्दी उस दिन और उसके बाद की दर्दनाक घटनाओं के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ की अपनी यात्रा को याद कर रहे हैं। चाकू (नाइफ) में रश्दी अपनी शक्तियों के चरम पर हैं, इसमें वह अडिग ईमानदारी के साथ लिख रहे हैं। यह अकल्पनीय को समझने, जीवन, हानि, प्रेम, कला पर एक अंतरंग और जीवन की आस्था को पुष्ट करने वाली अंतर्गाथा और फिर से उठ खड़े होने की शक्ति खोजने की साहित्य की क्षमता का एक बेहद प्रेरक अनुस्मारक है।