भारतीय उद्योग जगत् के सबसे चमकते सितारे, टाटा ग्रुप जैसे विशाल औद्योगिक साम्राज्य के सर्वेसर्वा ‘रतन टाटा’ का विश्व उद्योग-जगत् में अपना विशिष्ट स्थान है। वर्तमान परिवेश में टाटा ग्रुप को न केवल स्वदेश, बल्कि विदेशों में भी अहम स्थान दिलाने में उनकी भूमिका एवं नेतृत्व का सराहनीय योगदान रहा है। उनकी सफलताओं और उद्यमिता के लिए उन्हें ‘भारतीय हेनरी फोर्ड’ शीर्षक से सम्मानित किया गया। उन्हें भारत की ‘सड़क क्रांति का अग्रदूत’ कहकर संबोधित किया गया। ‘लखटकिया नैनो’ इनकी योग्यता एवं दूरदर्शिता का अनुपम उदाहरण है। यह भी उल्लेखनीय है कि जिस औद्योगिक विरासत की देखभाल आज रतन टाटा कर रहे हैं, उसे स्थापित, परिमार�... See more
भारतीय उद्योग जगत् के सबसे चमकते सितारे, टाटा ग्रुप जैसे विशाल औद्योगिक साम्राज्य के सर्वेसर्वा ‘रतन टाटा’ का विश्व उद्योग-जगत् में अपना विशिष्ट स्थान है। वर्तमान परिवेश में टाटा ग्रुप को न केवल स्वदेश, बल्कि विदेशों में भी अहम स्थान दिलाने में उनकी भूमिका एवं नेतृत्व का सराहनीय योगदान रहा है। उनकी सफलताओं और उद्यमिता के लिए उन्हें ‘भारतीय हेनरी फोर्ड’ शीर्षक से सम्मानित किया गया। उन्हें भारत की ‘सड़क क्रांति का अग्रदूत’ कहकर संबोधित किया गया। ‘लखटकिया नैनो’ इनकी योग्यता एवं दूरदर्शिता का अनुपम उदाहरण है। यह भी उल्लेखनीय है कि जिस औद्योगिक विरासत की देखभाल आज रतन टाटा कर रहे हैं, उसे स्थापित, परिमार्जित एवं परिवर्द्धित करने में ग्रुप के संस्थापक जमशेदजी टाटा से लेकर रतन टाटा के पूर्ववर्ती जे.आर.डी. टाटा तक इस घराने के सभी युगद्रष्टा पुरोधाओं की एक विशिष्ट भूमिका रही है। टाटा ग्रुप को वर्तमान मुकाम तक पहुँचाने में उन अवस्थापनाओं, कार्य परिवेश एवं मानदंडों का भी एक सशक्त स्थान है, जो इन पुरोधाओं ने स्थापित किए; अत: ‘टाटा परिवार’ के उन सभी चमकते सितारों का प्रस्तुत पुस्तक में उल्लेख किया गया है, जिन्होंने इसके संचालन एवं इसमें उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए अनवरत कार्य किया। ‘बिजनेस कोहिनूर रतन टाटा’ व्यवसायी, व्यापारी, उद्यमी, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिक ही नहीं, सभी आयु वर्ग के पाठकों के लिए प्रेरणादायी एवं मार्गदर्शक सिद्ध होगी|