यह पुस्तक एक व्यक्ति दो व्यक्तित्व के संघर्ष की कहानी है-एक शिक्षक और एक अधिकारी के तत्कालीन सरकारी व्यवस्था मे व्याप्त भ्रष्टाचार और पक्षपात से संघर्ष की गाथा है। इसी संघर्ष की आंच में तपकर व्यक्ति जीवन के गीत गाता है। यह संघर्ष होश संभालने के बाद से आरंभ होता है और जीवन पर्यंत चलता है। हर व्यक्ति के जीवन में दो संघर्ष निरंतर चलते हैं एक व्यक्ति के अंदर चलता है, क्या ठीक है क्या ठीक नहीं है क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए, इस ऊहापोह की स्थिति में अंदर चलने वाले विचारों से संघर्ष और दूसरा बाहरी दुनिया में जीवन में आने वाली कठिनाइयों से संघर्ष, प्रतिकूलताओं से संघर्ष। संभवतः विपरीत परिस्थितियों के समक्�... See more
यह पुस्तक एक व्यक्ति दो व्यक्तित्व के संघर्ष की कहानी है-एक शिक्षक और एक अधिकारी के तत्कालीन सरकारी व्यवस्था मे व्याप्त भ्रष्टाचार और पक्षपात से संघर्ष की गाथा है। इसी संघर्ष की आंच में तपकर व्यक्ति जीवन के गीत गाता है। यह संघर्ष होश संभालने के बाद से आरंभ होता है और जीवन पर्यंत चलता है। हर व्यक्ति के जीवन में दो संघर्ष निरंतर चलते हैं एक व्यक्ति के अंदर चलता है, क्या ठीक है क्या ठीक नहीं है क्या करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए, इस ऊहापोह की स्थिति में अंदर चलने वाले विचारों से संघर्ष और दूसरा बाहरी दुनिया में जीवन में आने वाली कठिनाइयों से संघर्ष, प्रतिकूलताओं से संघर्ष। संभवतः विपरीत परिस्थितियों के समक्ष आत्म समर्पण करने वाले लोगों को साहस देने का काम यह पुस्तक करेगी। जीवन में आने वाले प्रलोभनों का शिकार होने से बचने के लिए बल प्रदान करेगी। दृढ़ इच्छाशक्ति और झंझावात में खड़े रहने का साहस व्यक्ति को कठिनाइयों के महासागर से पार उतार देते हैं।