मैं वीणा सिंह.. निवासी-झुमरी तिलैया, जिला कोडरमा झारखंड.. एक लंबे अंतराल तक गृहस्थी और बच्चों की ज़िम्मेदारियों को निभाने के बाद अपने बच्चों और भाई बहन के प्रोत्साहन से लगभग छः साल से लेखन के क्षेत्र में पुनः सक्रिय हूँ। मुझे स्कूल और कॉलेज के दिनों से हीं कविता कहानी लिखने में रुचि रही है.. कॉलेज में ही लेखन के लिए राज्यपाल से पुरस्कार मिला... कॉलेज से निकलने वाली पत्रिका के संपादन में सक्रिय भूमिका निभाई... बिहार के राजेंद्र कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद मुजफ्फरपुर से पोस्ट ग्रेजुएट किया... प्रतिलिपि पर विगत पांच वर्षों से कहानी लिख रही हूं.. मेरी लिखी कविताएं और कहानियां लगातार विभिन्न पत्र पत्रिकाओं और समाचा�... See more
मैं वीणा सिंह.. निवासी-झुमरी तिलैया, जिला कोडरमा झारखंड.. एक लंबे अंतराल तक गृहस्थी और बच्चों की ज़िम्मेदारियों को निभाने के बाद अपने बच्चों और भाई बहन के प्रोत्साहन से लगभग छः साल से लेखन के क्षेत्र में पुनः सक्रिय हूँ। मुझे स्कूल और कॉलेज के दिनों से हीं कविता कहानी लिखने में रुचि रही है.. कॉलेज में ही लेखन के लिए राज्यपाल से पुरस्कार मिला... कॉलेज से निकलने वाली पत्रिका के संपादन में सक्रिय भूमिका निभाई... बिहार के राजेंद्र कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद मुजफ्फरपुर से पोस्ट ग्रेजुएट किया... प्रतिलिपि पर विगत पांच वर्षों से कहानी लिख रही हूं.. मेरी लिखी कविताएं और कहानियां लगातार विभिन्न पत्र पत्रिकाओं और समाचार पत्रों में सम्पादित होती रहीं हैं.. सामाजिक विषयों पर अपने आस पास की घटनाओं को लिखना मुझे बहुत पसंद है.. "दैनिक नवप्रदेश", "राष्ट्रीय दैनिक मेल", "विरसा का गाण्डीव", "आजाद सिपाही" के अलावा और अन्य अखबारों में मेरी रचना कई वर्षों से प्रकाशित होती रही है... मानवीय संवेदना एवं संबंधों पर लिखना और सामाजिक कुरीतियां पर प्रहार करना मुझे बहुत पसंद है... "समाज सेवा" इस तरह से करना कि एक हाथ से करें तो दूसरे हाथ को पता नहीं चले, मेरी विशेष पहचान है... 2023 में मुझे महामहिम के हाथों बिरहोर लोगों के लिए काम करने और मेरे लेखन के लिए "झारखंड आइकॉन अवार्ड" से सम्मानित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.. "बेटियां डॉट इन"पर आप मेरी लिखी कहानियां पढ़ सकते हैं.. वहां मैं दो साल से कहानियां लिख रही हूं... मेरे लेखन को मेरे पिता जो खुद गणित के विद्वान थे, प्रोफेसर थे, और माँ भी उसी पेशे से जुड़ी थी, बहुत प्रभावित किया... संस्कार अनुशासन और मानवीय मूल्यों को समझने का ज्ञान उन्ही से मिला... जीवन में अपने आस पास घटनाओं खट्टे मीठे अनुभवों जो हमारे दैनिक जीवन में होते रहते हैं, मेरी कहानियों में स्पष्ट दिख जाते हैं.. मैं कभी काल्पनिक चरित्र के साथ न्याय नहीं कर पाती इसलिए मेरी कहानियों के सारे पात्र आपको अपने आस पास हीं मिल जायेंगे...