प्रो. कुसुमलता केडिया—अंतरराष्ट्रीय राजनय की गहन अध्येता, विकास अर्थशास्त्री, समाज-वैज्ञानिक एवं इतिहासकार। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की अध्यापक, तदुपरांत गांधी विद्या संस्थान, वाराणसी में समाज-विज्ञान की प्राध्यापक एवं संकाय अध्यक्ष तथा निदेशक। पूर्व वरिष्ठ फेलो, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली। महात्मा गांधी नेशनल फेलो, भारतीय समाज विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली तथा फेलो, आई.आई.ए.एस., शिमला। पूर्व निदेशक, धर्म पाल शोधपीठ, भोपाल। वर्ष 2006 में अखिल भारतीय डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान।अर्थशास्त्र, इतिहास, गांधी चिंतन एवं स्त्री विमर्श पर हिंदी एवं अंग्रेजी में अनेक पुस्तक... See more
प्रो. कुसुमलता केडिया—अंतरराष्ट्रीय राजनय की गहन अध्येता, विकास अर्थशास्त्री, समाज-वैज्ञानिक एवं इतिहासकार। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की अध्यापक, तदुपरांत गांधी विद्या संस्थान, वाराणसी में समाज-विज्ञान की प्राध्यापक एवं संकाय अध्यक्ष तथा निदेशक। पूर्व वरिष्ठ फेलो, भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद्, नई दिल्ली। महात्मा गांधी नेशनल फेलो, भारतीय समाज विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली तथा फेलो, आई.आई.ए.एस., शिमला। पूर्व निदेशक, धर्म पाल शोधपीठ, भोपाल। वर्ष 2006 में अखिल भारतीय डॉ. हेडगेवार प्रज्ञा सम्मान।अर्थशास्त्र, इतिहास, गांधी चिंतन एवं स्त्री विमर्श पर हिंदी एवं अंग्रेजी में अनेक पुस्तकों का लेखन। इन पुस्तकों में मुख्य हैं स्त्रीत्व : धारणाएँ एवं यथार्थ, विश्व सभ्यता : भारतीय दृष्टि (भाग-1), गांधीजी और ईसाइयत, समृद्धि अहिंसक भी हो सकती है, भारत के विकास की भावी दिशा, दृष्टिदोष तो विकल्प कैसे? रूट्स ऑफ अंडरडवलपमेंट, डेट ट्रैप ऑर डेथ ट्रैप और एजम्पशंस ऑफ डवलपमेंट थियरीज।देश-विदेश एवं अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों और संगोष्ठियों में आलेख प्रस्तुति तथा वक्तव्य। प