इस किताब में जौन एलिया को नज़दीक से जानने-समझने और उनके साथ वक़्त बिताने वालों के आलेख हैं जो पढ़ने वालों के लिए जौन एलिया की ज़िन्दगी के साथ-साथ उनकी शायरी और नज़रियात को समझने की राह आसान करते हैं अमीर इमाम का ताल्लुक़ उत्तरप्रदेश के शहर सँभल से है। वो 30 जून 1984 को पैदा हुए। आपने अंग्रेज़ी में एम.ए किया है और फ़िलहाल शिक्षा के पेशे से जुड़े हुए हैं। अमीर इमाम अपनी पीढ़ी के प्रतिनिधि शायर हैं। इनकी शायरी में आर्ट और तसव्वुर का हसीन मेल देखने को मिलता है। अमीर इमाम की शायरी में ज़िंदगी के नए पहलुओं और ज़ावियों की तरफ़ इशारा मिलता है। अशआर में अनोखे विषयों को कलमबंद करने और नई बात कहने के हुनर से वो बख़ूबी वाक़िफ़ हैं। उपमाओं �... See more
इस किताब में जौन एलिया को नज़दीक से जानने-समझने और उनके साथ वक़्त बिताने वालों के आलेख हैं जो पढ़ने वालों के लिए जौन एलिया की ज़िन्दगी के साथ-साथ उनकी शायरी और नज़रियात को समझने की राह आसान करते हैं अमीर इमाम का ताल्लुक़ उत्तरप्रदेश के शहर सँभल से है। वो 30 जून 1984 को पैदा हुए। आपने अंग्रेज़ी में एम.ए किया है और फ़िलहाल शिक्षा के पेशे से जुड़े हुए हैं। अमीर इमाम अपनी पीढ़ी के प्रतिनिधि शायर हैं। इनकी शायरी में आर्ट और तसव्वुर का हसीन मेल देखने को मिलता है। अमीर इमाम की शायरी में ज़िंदगी के नए पहलुओं और ज़ावियों की तरफ़ इशारा मिलता है। अशआर में अनोखे विषयों को कलमबंद करने और नई बात कहने के हुनर से वो बख़ूबी वाक़िफ़ हैं। उपमाओं और रूपकों का बरमहल इस्तेमाल भी उनकी सृजनात्मक व्यक्तिवादी ज़ेहन का दर्पण है। आपके दो काव्य संग्रह “नक़्श-ए-पा हवाओं के” और “सुबह बख़ैर ज़िंदगी” प्रकाशित हो चुके हैं जिनको अदबी हलक़ों में काफ़ी सराहा गया है। उनके पहले काव्य संग्रह “नक़्श-ए-पा हवाओं के” को साहित्य अकादेमी के युवा पुरस्कार से नवाज़ा जा चुका है।