थोड़ी सी आत्म-स्वीकृति और करुणा आपके जीवन को बदल देगी आप जिस संघर्ष से गुज़र रहे हैं उसे यह पुस्तक समझती है। इस पुस्तक के लेखक यह समझते हैं कि आप रात को सो नहीं पाते, ज़रूरत से ज़्यादा प्रतिक्रिया करते हैं, और संवेदनशील रहते हैं। वह जानते हैं कि आप आत्म-संदेह से ग्रस्त हैं, आप अक्सर खुद को महत्व नहीं देते और “आपके जैसे किसी व्यक्ति” के लिए चीज़ें बहुत कठिन हैं। वह इससे गुज़रे हैं, और वह इसे समझते हैं। इसलिए यह पुस्तक इतनी प्रभावशाली है। यह वास्तव में आपको नकारात्मक सोच के मनोविज्ञान से परिचित कराती है और आत्म-धारणाओं को नुकसान पहुँचाने से होने वाली संज्ञानात्मक विकृतियों का सामना करती है। ट्रेंटन आपको नकारात्मक विच... See more
थोड़ी सी आत्म-स्वीकृति और करुणा आपके जीवन को बदल देगी आप जिस संघर्ष से गुज़र रहे हैं उसे यह पुस्तक समझती है। इस पुस्तक के लेखक यह समझते हैं कि आप रात को सो नहीं पाते, ज़रूरत से ज़्यादा प्रतिक्रिया करते हैं, और संवेदनशील रहते हैं। वह जानते हैं कि आप आत्म-संदेह से ग्रस्त हैं, आप अक्सर खुद को महत्व नहीं देते और “आपके जैसे किसी व्यक्ति” के लिए चीज़ें बहुत कठिन हैं। वह इससे गुज़रे हैं, और वह इसे समझते हैं। इसलिए यह पुस्तक इतनी प्रभावशाली है। यह वास्तव में आपको नकारात्मक सोच के मनोविज्ञान से परिचित कराती है और आत्म-धारणाओं को नुकसान पहुँचाने से होने वाली संज्ञानात्मक विकृतियों का सामना करती है। ट्रेंटन आपको नकारात्मक विचारों को रोकने, उनसे निपटने और अंततः उनसे छुटकारा पाने की पूरी प्रक्रिया से गुज़ारते हैं। निक ट्रेंटन ग्रामीण इलिनॉय में पले-बढ़े और खेतों में रहे हैं। बड़े होने के दौरान उनका सबसे अच्छा दोस्त व उनका भरोसेमंद साथी था लेनर्ड द डाकशन (दिवंगत)। आख़िरकार, उन्होंने किसानी से बाहर निकलकर अर्थशास्त्र में बीएस हासिल किया, और उसके बाद व्यवहार मनोविज्ञान में एमए किया।