जावेद अख़्तर
शायर, पटकथाकार और गीतकार जावेद अख़्तर ऐसे गिने-चुने लोगों में हैं जो व्यावसायिक सिनेमा से लेकर शायरी और अदब तक की दुनिया में एक विशेष महत्त्व रखते हैं। भारतीय सिनेमा के इतिहास में जावेद अख़्तर का योगदान ‘ज़ंजीर’, ‘दीवार’ और ‘शोले’ जैसी फ़िल्मों के कालातीत महत्त्व से आँका जाता है जिनकी पटकथाएँ उन्होंने सलीम ख़ाँ के साथ मिलकर लिखी थीं। उर्दू और हिन्दी में प्रकाशित उनके कविता-संग्रह ‘तरकश’ और ‘लावा’ को हर तरह की सफलता मिली है। वे ‘लावा’ के लिए ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ से सम्मानित हो चुके हैं। उन्होंने ऐसे फ़िल्मी गीत लिखे हैं जिनका न केवल अनुकरण किया गया, बल्कि उनसे नई परम्परा की शुरुआत भी हुई। आ... See more
जावेद अख़्तर
शायर, पटकथाकार और गीतकार जावेद अख़्तर ऐसे गिने-चुने लोगों में हैं जो व्यावसायिक सिनेमा से लेकर शायरी और अदब तक की दुनिया में एक विशेष महत्त्व रखते हैं। भारतीय सिनेमा के इतिहास में जावेद अख़्तर का योगदान ‘ज़ंजीर’, ‘दीवार’ और ‘शोले’ जैसी फ़िल्मों के कालातीत महत्त्व से आँका जाता है जिनकी पटकथाएँ उन्होंने सलीम ख़ाँ के साथ मिलकर लिखी थीं। उर्दू और हिन्दी में प्रकाशित उनके कविता-संग्रह ‘तरकश’ और ‘लावा’ को हर तरह की सफलता मिली है। वे ‘लावा’ के लिए ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’ से सम्मानित हो चुके हैं। उन्होंने ऐसे फ़िल्मी गीत लिखे हैं जिनका न केवल अनुकरण किया गया, बल्कि उनसे नई परम्परा की शुरुआत भी हुई। आज सिनेमा और साहित्य के क्षेत्र में जावेद अख़्तर अत्यन्त सफल और सम्माननीय व्यक्ति हैं।