शिक्षा : एम.बी.बी.एस.। कार्य-संघर्ष व उपलब्धि : सन् 1982 में अंधविश्वास उन्मूलन कार्य का प्रारंभ। 1989 में महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की स्थापना। आजन्म समिति के कार्याध्यक्ष रहे। महाराष्ट्र में समिति की 180 शाखाएँ कार्यरत हैं। अंधविश्वास उन्मूलन विषय पर दर्जन-भर पुस्तकों का लेखन। पुस्तकों के निरंतर नए संस्करण प्रकाशित। पुस्तकों को अनेक पुरस्कार। पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर लेखन करते रहे और मीडिया में प्रतिक्रिया, प्रतिवाद, साक्षात्कार, संवाद लगातार प्रकाशित होते रहे। बुवाबाजी, भानमति, चमत्कार, ज्योतिष, अनिष्ट रूढि़-परंपरा के खिलाफ निरंतर संघर्ष। विवेकवादी विचारों का प्रचार-प्रसार कार्य। विज्ञानन... See more
शिक्षा : एम.बी.बी.एस.। कार्य-संघर्ष व उपलब्धि : सन् 1982 में अंधविश्वास उन्मूलन कार्य का प्रारंभ। 1989 में महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की स्थापना। आजन्म समिति के कार्याध्यक्ष रहे। महाराष्ट्र में समिति की 180 शाखाएँ कार्यरत हैं। अंधविश्वास उन्मूलन विषय पर दर्जन-भर पुस्तकों का लेखन। पुस्तकों के निरंतर नए संस्करण प्रकाशित। पुस्तकों को अनेक पुरस्कार। पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर लेखन करते रहे और मीडिया में प्रतिक्रिया, प्रतिवाद, साक्षात्कार, संवाद लगातार प्रकाशित होते रहे। बुवाबाजी, भानमति, चमत्कार, ज्योतिष, अनिष्ट रूढि़-परंपरा के खिलाफ निरंतर संघर्ष। विवेकवादी विचारों का प्रचार-प्रसार कार्य। विज्ञाननिष्ठ समाज-निर्माण का रचनात्मक कार्य। बारह वर्ष तक मराठी साप्ताहिक 'साधना' का संपादन। सन् 2006 में 'दशक श्रेष्ठ कार्यकर्ता' का महाराष्ट्र फाउंडेशन का सम्मान। सम्मान के रूप में दस लाख रुपये एवं गौरवचिह्न। पुरस्कार की राशि महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति को समर्पित। 20 अगस्त, 2013 को अज्ञात तत्त्वों द्वारा गोली मारकर हत्या। हत्या के तुरंत बाद उनकी बरसों विलंबित माँग की पूर्ति के रूप में महाराष्ट्र अंधविश्वास उन्मूलन कानून पारित। ऐसा कानून पारित करनेवाला महाराष्ट्र देश का सर्वप्रथम राज्य। समग्र जीवन संघर्षशील। भारत सरकार द्वारा मरणोपरांत 'पद्मश्री' से सम्मानित।