"सीमांत लोक की कहानियाँ" मुकेश नौटियाल द्वारा रचित हिमालयी-अंचल की स्मृति-कथाएं हैं। नानी-दादी से सुनी कहानियों को कथाकार ने नवीन कल्पनाओं के आवरण में अद्भुत शिल्प के साथ प्रस्तुत किया है। इन कहानियों में लोक तो मौजूद है ही, पर्वत-प्रांतर की मान्यताओं और विश्वासों की रहस्यपूर्ण फ़ेहरिस्त भी दर्ज़ है। तकनीकी के उत्तर आधुनिक युग में भी ये कहानियां स्मृति में कहीं दुबकी पड़ी हैं। कहानीकार ने बड़ी खूबसूरती से उन्हें बुना है। इन कहानियों को पढ़ते हुए आपके सामने पर्वत-लोक जीवंत रूप में उपस्थित हो जाता है। पंद्रह कहानियों को समेटे ये लोक-कथाएं पठनीय हैं व रोचकता से भरपूर भी।