मास्टर थ्रिलर लेखक एस. हुसैन ज़ैदी : रॉ हिटमैन: एजेंट लीमा की असली कहानी में धोखे और साज़िश से भरी दास्तान ले कर आए हैं। सच्ची घटनाओं पर आधारित यह क़िताब आखि़र तक पाठकों का रोमांच बनाए रखेगी। सितंबर 2011 , गैंगस्टर्स राजू परगई और अमित आर्य के डबल मर्डर ने उत्तराखंड राज्य को हिला कर रख दिया। परगई भारत में हथियारों की तस्करी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा बनने की राह पर था। वह देखते ही देखते अपराध जगत की सीढ़ियाँ चढ़ता चला गया - पर इसके साथ ही भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसियों के निशाने पर भी आ गया। उनमें से ही एक एजेंसी ने उसे मारने के लिए अपने एक गुप्त हत्यारे एजेंट लीमा को भेजा था। मर्डर के अगले दिन लक्ष्मण & लकी बिष्ट क�... See more
मास्टर थ्रिलर लेखक एस. हुसैन ज़ैदी : रॉ हिटमैन: एजेंट लीमा की असली कहानी में धोखे और साज़िश से भरी दास्तान ले कर आए हैं। सच्ची घटनाओं पर आधारित यह क़िताब आखि़र तक पाठकों का रोमांच बनाए रखेगी। सितंबर 2011 , गैंगस्टर्स राजू परगई और अमित आर्य के डबल मर्डर ने उत्तराखंड राज्य को हिला कर रख दिया। परगई भारत में हथियारों की तस्करी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा बनने की राह पर था। वह देखते ही देखते अपराध जगत की सीढ़ियाँ चढ़ता चला गया - पर इसके साथ ही भारतीय इंटेलीजेंस एजेंसियों के निशाने पर भी आ गया। उनमें से ही एक एजेंसी ने उसे मारने के लिए अपने एक गुप्त हत्यारे एजेंट लीमा को भेजा था। मर्डर के अगले दिन लक्ष्मण & लकी बिष्ट को हलद्वानी में उसके घर से गिरफ़्तार कर लिया गया। वह एक एनएसजी कमांडो था जो एल.के.अडवाणी और गुजरात के तत्कालीन मुख्य मंत्री नरेंद्र मोदी जी जैसे नेताओं का निजी सुरक्षा अधिकारी भी रह चुका था। उस पर दोहरे क़त्ल का आरोप लगाया गया। इसके बाद एक ऐसी कहानी शुरू होती है जो रहस्य और संदेह के कोहरे में लिपटी है। क्या एजेंट लीमा और लकी बिष्ट एक ही व्यक्ति थे और अगर वे एक ही व्यक्ति नहीं थे तो लकी बिष्ट पाँच वर्ष से अधिक समय जेल में क्यों सड़ता रहा उसे अलग-अलग जेलों में क्यों रखा गया जमानत की अर्जी क्यों नामंजू़र कर दी गई जबकि वह तो सरकार के लिए काम कर रहा था।