सुप्रसिद्ध अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि लेने के बाद राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। 40 वर्ष से भी अधिक लंबे अपने अभिनय सफर में उन्होंने रंगमंच, फिल्म, टेलीविजन, वेब-सीरीज जैसे माध्यमों में उन्होंने स्मरणीय भूमिका निभाई है। अपने थिएटर ग्रुप ‘नाटक कंपनी’ के लिए उन्होंने दो मूल नाटकों ‘नटी’ व ‘नारीबाई’ (एकल नाटक) की रचना की।
सुष्मिता मध्य प्रदेश के ओरछा में एक गैरलाभ कारी संगठन ‘रुद्राणी कलाग्राम एवं शोध संस्थान’ भी संचालित करती हैं। वह लेखन में भी सक्रिय हैं। उनकी पुस्तकों ‘मी ऐंड जूही बेबी... See more
सुप्रसिद्ध अभिनेत्री सुष्मिता मुखर्जी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा हाउस कॉलेज से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि लेने के बाद राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की। 40 वर्ष से भी अधिक लंबे अपने अभिनय सफर में उन्होंने रंगमंच, फिल्म, टेलीविजन, वेब-सीरीज जैसे माध्यमों में उन्होंने स्मरणीय भूमिका निभाई है। अपने थिएटर ग्रुप ‘नाटक कंपनी’ के लिए उन्होंने दो मूल नाटकों ‘नटी’ व ‘नारीबाई’ (एकल नाटक) की रचना की।
सुष्मिता मध्य प्रदेश के ओरछा में एक गैरलाभ कारी संगठन ‘रुद्राणी कलाग्राम एवं शोध संस्थान’ भी संचालित करती हैं। वह लेखन में भी सक्रिय हैं। उनकी पुस्तकों ‘मी ऐंड जूही बेबी’, ‘बाँझ—इन्कम्प्लीट लाइव्स ऑफ कम्पलीट वुमैन’, व इसके हिंदी अनुवाद ‘बाँझ—स्त्री मन के अधखुले पन्ने’, ‘कॉफी टेबल बुक, ब्रेवहर्ट्स ऑफ बुंदेलखंड’ व उपन्यास ‘खजुराहो कन्नड्रम’ को काफी पसंद किया गया।
सुष्मिता एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में ‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ के रूप में भी अपनी सेवाएँ दे रही हैं।