हम अप्सराएँ प्रेम करती हैं और छोड़ देती हैं। यही हमारा सूत्र है। मेनका, इसके साथ ही जियो, अन्यथा तुम्हें अनावश्यक और अकथनीय दुख सहन करना होगा' क्षीर—सागर मंथन के दौरान जन्मी मेनका, स्वर्ग की सभी अप्सराओं में से सर्वाधिक सुंदर थी, जो अपनी तीक्ष्ण बुद्धि व सहज प्रतिभा के लिए जानी जाती थी। हालांकि, वह सदा एक चीज़ के लिए तरसती रही जिसे वह कभी नहीं पा सकी — एक परिवार। कहीं दूर, गहन तप के बाद एक ऋषि को विश्वामित्र की उपाधि से सम्मानित किया गया। उन्होंने देवों को चुनौती देते हुए, एक और स्वर्ग रचने का साहस दिखाया। उनकी बढ़ती हुई शक्तियों से भयभीत, स्वर्ग के राजा इंद्र निर्णय लेते हैं कि उनकी महत्वाकाक्षाओं पर रोक लगाने �... See more
हम अप्सराएँ प्रेम करती हैं और छोड़ देती हैं। यही हमारा सूत्र है। मेनका, इसके साथ ही जियो, अन्यथा तुम्हें अनावश्यक और अकथनीय दुख सहन करना होगा' क्षीर—सागर मंथन के दौरान जन्मी मेनका, स्वर्ग की सभी अप्सराओं में से सर्वाधिक सुंदर थी, जो अपनी तीक्ष्ण बुद्धि व सहज प्रतिभा के लिए जानी जाती थी। हालांकि, वह सदा एक चीज़ के लिए तरसती रही जिसे वह कभी नहीं पा सकी — एक परिवार। कहीं दूर, गहन तप के बाद एक ऋषि को विश्वामित्र की उपाधि से सम्मानित किया गया। उन्होंने देवों को चुनौती देते हुए, एक और स्वर्ग रचने का साहस दिखाया। उनकी बढ़ती हुई शक्तियों से भयभीत, स्वर्ग के राजा इंद्र निर्णय लेते हैं कि उनकी महत्वाकाक्षाओं पर रोक लगाने के लिए, मेनका को उन्हें लुभा कर पथभ्रष्ट करने के लिए भेजा जाए। जब मेनका और विश्वामित्र की भेंट होगी तो क्या होगा? क्या मेनका अंतत: वह पा लेगी, जो वह वास्तव में पाना चाहती थी? अथवा उसे पुन: नियति के आगे आत्मसमर्पण करने को विवश कर दिया जाएगा? जानिए सर्वाधिक चर्चित मिथकीय पात्रों में से एक के इस आकर्षक वर्णन के द्वारा।