नीच भंग राजयोग की श्रेणियों में कई लोग आते हैं जो हम सबके आसपास होते हैं। आप चाहें तो उन्हें पहचान भी सकते हैं। एक श्रेणी में वो लोग होते हैं जो अपनी पीड़ा, असुविधा, संघर्ष को निहायत ही व्यक्तिगत रखते हैं और साहस बटोरकर एकाग्र चित्त से उस क्षण की प्रतीक्षा करते हैं जहां वो हर तरह से समर्थ हो सकें। एक ऐसी भी श्रेणी है जहां लोग अपनी यथार्थ स्थितियों से तब तक अवगत नहीं होना चाहते जब तक उनको समय की ठीक से लात न पड़े। उस कराह के साथ ही चेतना जैसे बर्बस लौट आती है। एक श्रेणी ऐसी भी है जहां आदमी एक ऐसे भ्रम में खोया रहता है और उसे अपने अस्तित्व की एक लम्बे समय तक खबर नहीं मिल पाती। बोलचाल की भाषा में ऐसे भी कह सकते हैं कि बेग... See more
नीच भंग राजयोग की श्रेणियों में कई लोग आते हैं जो हम सबके आसपास होते हैं। आप चाहें तो उन्हें पहचान भी सकते हैं। एक श्रेणी में वो लोग होते हैं जो अपनी पीड़ा, असुविधा, संघर्ष को निहायत ही व्यक्तिगत रखते हैं और साहस बटोरकर एकाग्र चित्त से उस क्षण की प्रतीक्षा करते हैं जहां वो हर तरह से समर्थ हो सकें। एक ऐसी भी श्रेणी है जहां लोग अपनी यथार्थ स्थितियों से तब तक अवगत नहीं होना चाहते जब तक उनको समय की ठीक से लात न पड़े। उस कराह के साथ ही चेतना जैसे बर्बस लौट आती है। एक श्रेणी ऐसी भी है जहां आदमी एक ऐसे भ्रम में खोया रहता है और उसे अपने अस्तित्व की एक लम्बे समय तक खबर नहीं मिल पाती। बोलचाल की भाषा में ऐसे भी कह सकते हैं कि बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना। फिर ऐसे मनमौजी को कौन समझाये। एक और श्रेणी है जो काफी गहरी, पैनी और आसपास के लोगों को भीतर तक हिलाने वाली होती है। मसलन आदमी अपना बुरा वक्त, त्रासदी, पीड़ा, आपके कंधे पर सवार होकर गुजारकर मजे से निकल जाता है और आप ठगे से अवाक देखते रह जाते हैं। ये है 'नीच भंग राजयोग' की रोचकता और उसके विभिन्न आयाम।