क्यों यह पुस्तक हर माँ की है सच्ची सहेली? इसका उत्तर हर माँ बनने वाली स्त्री को मिल जायेगा, जब वह इस पुस्तक को अपनी यात्रा में सम्मिलित करेगी। कई बार हम अपने चिकित्सक से सभी सवाल पूछ नहीं पाते, कारण कई होते हैं, परंतु ये पुस्तक आपको कई प्रश्नों के उत्तर दे देगी। कई बार हम क्लीनिक नहीं पहुँच पाते, कारण कई होते हैं, यह पुस्तक निश्चित तौर पर आपकी OPD Visit कम कर देगी। कई बार हमें गर्भावस्था में मानसिक / आध्यात्मिक / भावनात्मक सहायता नहीं मिल पाती, कारण कई होते हैं, मेरी पूरी कोशिश। है कि यह पुस्तक आपको वो शक्ति देगी। सोशल मीडिया इत्यादि पर कई प्रकार के संदेश हैं, कारण कई होते हैं, यह पुस्तक आपको सही / गलत का भेद करने में सहायता �... See more
क्यों यह पुस्तक हर माँ की है सच्ची सहेली? इसका उत्तर हर माँ बनने वाली स्त्री को मिल जायेगा, जब वह इस पुस्तक को अपनी यात्रा में सम्मिलित करेगी। कई बार हम अपने चिकित्सक से सभी सवाल पूछ नहीं पाते, कारण कई होते हैं, परंतु ये पुस्तक आपको कई प्रश्नों के उत्तर दे देगी। कई बार हम क्लीनिक नहीं पहुँच पाते, कारण कई होते हैं, यह पुस्तक निश्चित तौर पर आपकी OPD Visit कम कर देगी। कई बार हमें गर्भावस्था में मानसिक / आध्यात्मिक / भावनात्मक सहायता नहीं मिल पाती, कारण कई होते हैं, मेरी पूरी कोशिश। है कि यह पुस्तक आपको वो शक्ति देगी। सोशल मीडिया इत्यादि पर कई प्रकार के संदेश हैं, कारण कई होते हैं, यह पुस्तक आपको सही / गलत का भेद करने में सहायता करेगी। जीवन के उतार चढ़ाव में कई बार हम मातृत्व को जी नहीं पाते, यह पुस्तक आपको हर क्षण उस खुशी के समीप रखने में सहायक होगी। अंत में यह किताब हर स्त्री को आवाज़ देती है, जो खुद को कमज़ोर समझती है, लोगों को अपने कमजोर होने का संदेश जाने अनजाने में देती है। निर्बल वही है जिसने अपने बल को नहीं जाना अपने भय को नहीं भेदा। अपने आत्मसम्मान की रक्षा करने से कभी पीछे मत हटिये, ‘अबला’ नहीं एक योद्धा हैं आप।