ध्यान आँख है
बुद्ध के साथ धर्म ने वैज्ञानिक होने की क्षमता जुटाई। बुद्ध के साथ धर्म वैज्ञानिक हुआ। बुद्ध के साथ विज्ञान की गरिमा धर्म को मिली। इसलिए यह आकस्मिक नहीं है कि आज विज्ञान के युग में जब राम फीके पड़ गए हैं और क्राइस्ट के पीछे चलने वाले भी औपचारिक ही क्राइस्ट का नाम लेते हैं, महावीर की पूजा भी चलती है, लेकिन बस नाममात्र को, कामचलाऊ, बुद्ध की गरिमा बढ़ती जाती है। जैसे-जैसे विज्ञान प्रतिष्ठित हुआ है मनुष्य की आंखों में, वैसे-वैसे बुद्ध की गरिमा बढ़ती गई है। बुद्ध की गरिमा एक क्षण को भी घटी नहीं है। और तो सत्पुरुष पुराने पड़ गए मालूम पड़ते हैं, बुद्ध ऐसा लगता है कि अब उनका युग आया। या शायद अभी भी नहीं आया है, �... See more
ध्यान आँख है
बुद्ध के साथ धर्म ने वैज्ञानिक होने की क्षमता जुटाई। बुद्ध के साथ धर्म वैज्ञानिक हुआ। बुद्ध के साथ विज्ञान की गरिमा धर्म को मिली। इसलिए यह आकस्मिक नहीं है कि आज विज्ञान के युग में जब राम फीके पड़ गए हैं और क्राइस्ट के पीछे चलने वाले भी औपचारिक ही क्राइस्ट का नाम लेते हैं, महावीर की पूजा भी चलती है, लेकिन बस नाममात्र को, कामचलाऊ, बुद्ध की गरिमा बढ़ती जाती है। जैसे-जैसे विज्ञान प्रतिष्ठित हुआ है मनुष्य की आंखों में, वैसे-वैसे बुद्ध की गरिमा बढ़ती गई है। बुद्ध की गरिमा एक क्षण को भी घटी नहीं है। और तो सत्पुरुष पुराने पड़ गए मालूम पड़ते हैं, बुद्ध ऐसा लगता है कि अब उनका युग आया। या शायद अभी भी नहीं आया है, आने वाला है। पगध्वनि सुनाई पड़ती है कि बुद्ध का युग करीब आ रहा है। ओशो