"भगवान शिव, वैदिक देवों में सबसे रहस्यमयी और अबूझे देवता हैं। उनकी लोकप्रियता तो अविश्वसनीय है, लेकिन उनके व्यक्तित्व को सबसे कम समझा गया है।संहारक से लेकर परम दयालु तक, क्रोध के प्रतीक से लेकर सरलता से मानने वाले तक और स्वयं भौतिकता से परे पूर्ण वैराग्य का जीवन जीने से लेकर अपने उपासकों को भौतिक ऐश्वर्य का आशीर्वाद देने तक, उनका दैवीय व्यक्तित्व अधिकांश के लिए एक रहस्य है।भगवान शिव को प्राय: ध्यान में लीन दर्शाया जाता है, जो उत्कृष्टता और आंतरिक शांति का प्रतीक है। अपने तीसरे नेत्र के माध्यम से ज्ञान और अंतर्दृष्टि का प्रतिनिधित्व करने वाले, वे अज्ञानता का नाश करने और ज्ञान प्रदान करने में सक्षम हैं। परम स... See more
"भगवान शिव, वैदिक देवों में सबसे रहस्यमयी और अबूझे देवता हैं। उनकी लोकप्रियता तो अविश्वसनीय है, लेकिन उनके व्यक्तित्व को सबसे कम समझा गया है।संहारक से लेकर परम दयालु तक, क्रोध के प्रतीक से लेकर सरलता से मानने वाले तक और स्वयं भौतिकता से परे पूर्ण वैराग्य का जीवन जीने से लेकर अपने उपासकों को भौतिक ऐश्वर्य का आशीर्वाद देने तक, उनका दैवीय व्यक्तित्व अधिकांश के लिए एक रहस्य है।भगवान शिव को प्राय: ध्यान में लीन दर्शाया जाता है, जो उत्कृष्टता और आंतरिक शांति का प्रतीक है। अपने तीसरे नेत्र के माध्यम से ज्ञान और अंतर्दृष्टि का प्रतिनिधित्व करने वाले, वे अज्ञानता का नाश करने और ज्ञान प्रदान करने में सक्षम हैं। परम सन्यासी शिव, भक्तों को सांसारिकता से परे जाने और आध्यात्मिक उत्थान को अंगीकार करने की चुनौती देते हैं। वे परोपकारी संरक्षक भी हैं और वंचितों को सांत्वना और मार्गदर्शन भी देते हैं। यह पुस्तक भगवान शिव के गोपनीय पक्ष की पड़ताल करने के साथ, उनके व्यक्तित्व के अनछुए पहलुओं को गहराई से समझने की अंतर्दृष्टि देती है। "