भारत मे मांसाहार को लेकर तरह तरह की भ्रांतियां हैं। तमाम लोगों को गफलत है कि मुस्लिमों के भारत आने के बाद यहां खानपान में मांसाहार बढ़ा है। तमाम लोगों को यह गफलत है कि हिंदू शाकाहारी होते हैं या हिन्दू में कोई जाति विशेष शाकाहारी है। इस समय मांसाहार पर तमाम राजनीतिक पंगे हो रहे हैं। महाराष्ट्र ने तो गाय को राजमाता बना दिया है! भारत में पशु उत्पादों और मांसाहार पर जितना शोधपरक काम हुआ है, सम्भवतः विश्व की किसी भी सभ्यता या संस्कृति में ऐसा नहीं हुआ है। आयुर्वेद में सैकड़ो प्रकार के जीवों के मांस के स्वाद, उनके खाने के लाभ और हानि के बारे में वर्णन है। इसके अलावा दूध की इतनी वेरायटीज बताई गई हैं कि आप पढ़कर दांतो तल�... See more
भारत मे मांसाहार को लेकर तरह तरह की भ्रांतियां हैं। तमाम लोगों को गफलत है कि मुस्लिमों के भारत आने के बाद यहां खानपान में मांसाहार बढ़ा है। तमाम लोगों को यह गफलत है कि हिंदू शाकाहारी होते हैं या हिन्दू में कोई जाति विशेष शाकाहारी है। इस समय मांसाहार पर तमाम राजनीतिक पंगे हो रहे हैं। महाराष्ट्र ने तो गाय को राजमाता बना दिया है! भारत में पशु उत्पादों और मांसाहार पर जितना शोधपरक काम हुआ है, सम्भवतः विश्व की किसी भी सभ्यता या संस्कृति में ऐसा नहीं हुआ है। आयुर्वेद में सैकड़ो प्रकार के जीवों के मांस के स्वाद, उनके खाने के लाभ और हानि के बारे में वर्णन है। इसके अलावा दूध की इतनी वेरायटीज बताई गई हैं कि आप पढ़कर दांतो तले उंगली दबाने को बाध्य होंगे। उदाहरण के लिए अगर गाय चांदनी रात में बैठी है और सुबह उसे दुहकर पीते हैं तो वह दूध भारी होता है, मरीजों को उसे नहीं देना चाहिए और वही गाय अगर खुले में दिनभर घास चरकर आती है और शाम् को उसका दूध निकालकर पीया जाए तो वह मरीजों के लिए अच्छा है। इसके अलावा, बकरी, घोड़ी, हथिनी, महिला के दूध के अलग अलग फायदे बताए गए है। शहद की दर्जनों किस्में हैं कि किस तरह की मधुमक्खी का शहद कैसा होता है और उसके क्या क्या फायदे हैं। आजकल यू ट्यूबर शहद गर्म कर देते हैं,जबकि आयुर्वेद में शहद को गर्म पानी, गर्म दूध में मिलाकर सेवन वर्जित है। तमाम जानवरों के मूत्रों के गुण दोष बताए गए हैं। अमूमन आजकल गाय का मूत्र ही जानते हैं लेकिन घोड़ी, बकरी, गदही, महिला के मूत्र के बारे में आयुर्वेदिक रिसर्च है। पुरुष व महिला जीव के मूत्र के अलग अलग गुण हैं। भारतीय खानपान और आयुर्वेद पर आधारित पुस्तक "मांसौषधि" अब आपके सामने है। आप इसे खरीदकर ढेरों जानकारियां हासिल कर सकते हैं। और व्यापक पढ़ना हो तो किताब में मूल ग्रन्थों के बारे में बताया गया है उसे भी पढ़ सकते हैं। यह किताब आपकी तमाम भ्रांतियां दूर करने वाली है, तमाम जानकारियां देने वाली है।