रचना सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए., एम.फिल. और पीएच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त करने के पश्चात, वर्तमान में हिन्दू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने 'मेरे साक्षात्कार"" शीर्षक से प्रख्यात कवि केदारनाथ सिंह के साक्षात्कारों का संपादन किया है, जो साहित्यिक संवाद को नई दिशा प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, 'नैनसी का धूड़ा' शीर्षक से स्वयं प्रकाश की ग्रामीण कहानियों का एक समय संचयन संपादित किया गया है, जो ग्रामीण जीवन વવિત્રળ છૌ વસ્તુથી વર્શાતા। ડન કંપાવીય વ્હાર્યમે 'पानी की प्रार्थना' और 'स्मृति में जीवन' शीर्षक की पुस्तकें भी शामिल हैं, जो विषय वैशिष्ट्य और गहराई के लिए प�... See more
रचना सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए., एम.फिल. और पीएच.डी. की उपाधियाँ प्राप्त करने के पश्चात, वर्तमान में हिन्दू कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने 'मेरे साक्षात्कार"" शीर्षक से प्रख्यात कवि केदारनाथ सिंह के साक्षात्कारों का संपादन किया है, जो साहित्यिक संवाद को नई दिशा प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, 'नैनसी का धूड़ा' शीर्षक से स्वयं प्रकाश की ग्रामीण कहानियों का एक समय संचयन संपादित किया गया है, जो ग्रामीण जीवन વવિત્રળ છૌ વસ્તુથી વર્શાતા। ડન કંપાવીય વ્હાર્યમે 'पानी की प्रार्थना' और 'स्मृति में जीवन' शीर्षक की पुस्तकें भी शामिल हैं, जो विषय वैशिष्ट्य और गहराई के लिए प्रशंसा प्राप्त कर चुकी हैं। साहित्यिक क्षेत्र में उनके लेखन का दायरा व्यापक है, जिननें 'आलोचना', 'बनास जन', 'चौपाल', और अन्य प्रतिष्ठित पत्न-पत्निकाओं में प्रकाशित लेख खामिल हैं। उन्होंने कुछ समय तक स्विट्जरलैंड में भी अध्यापन का अनुभव प्राप्त किया, जिसने उनकी दृष्टिकोण और कार्यशैली को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समृद्ध किया है।