बलबीर दत्त का जन्म अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के रावलपिंडी नगर में हुआ। उनकी शिक्षा-दीक्षा रावलपिंडी, देहरादून, अंबाला छावनी और राँची में हुई। उन्होंने राँची से पत्रकारिता प्रारंभ की और 1963 में दैनिक 'राँची एक्सप्रेस' के संस्थापक संपादक बने। वर्ष 1991 में दैनिक 'देश प्राण' की स्थापना की। विगत 60 वर्षों से भी अधिक समय से हिंदी और अंग्रेजी के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के कई समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं के नियमित लेखक और स्तंभकार के रूप में सक्रिय हैं। अब तक उनके 9500 से अधिक संपादकीय लेखों, निबंधों और टिप्पणियों का प्रकाशन हो चुका है। श्री दत्त साउथ एशिया फ्री मीडिया एसोसिएशन तथा अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की का... See more
बलबीर दत्त का जन्म अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के रावलपिंडी नगर में हुआ। उनकी शिक्षा-दीक्षा रावलपिंडी, देहरादून, अंबाला छावनी और राँची में हुई। उन्होंने राँची से पत्रकारिता प्रारंभ की और 1963 में दैनिक 'राँची एक्सप्रेस' के संस्थापक संपादक बने। वर्ष 1991 में दैनिक 'देश प्राण' की स्थापना की। विगत 60 वर्षों से भी अधिक समय से हिंदी और अंग्रेजी के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर के कई समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं के नियमित लेखक और स्तंभकार के रूप में सक्रिय हैं। अब तक उनके 9500 से अधिक संपादकीय लेखों, निबंधों और टिप्पणियों का प्रकाशन हो चुका है। श्री दत्त साउथ एशिया फ्री मीडिया एसोसिएशन तथा अखिल भारतीय साहित्य परिषद् की कार्यकारिणी के सदस्य रहे। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया व नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के सदस्य हैं। राँची विश्वविद्यालय के पत्रकारिता व जनसंचार विभाग के संस्थापक सदस्य और राँची प्रेस क्लब के संस्थापक अध्यक्ष ।बहुचर्चित पुस्तकों में 'कहानी झारखंड आंदोलन की', 'सफरनामा पाकिस्तान', 'जयपाल सिंह : एक रोमांचक अनकही कहानी', 'इमरजेंसी का कहर और सेंसर का जहर' तथा 'भारत विभाजन और पाकिस्तान के ष