वैदिक ब्राह्मणो के पास जो परम्परागत हस्त लिखित पुस्तकें हैं , वे उन्हें दूसरों को नहीं देते I ज्ञान का लोप हो रहा है I हिन्दू सोलह संस्कारों की सम्पूर्ण जानकारी के साथ व्यवहारिक रूप से विवाह करने की प्रथा पर यह पुस्तक भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है जिसे हस्तगत कर कोई भी व्यक्ति , किसी भी व्यक्ति का यगोपवीत अवं विवाह संस्कार वैदिक रीति रिवाज के अनुसार करा सकता है I,गीता रहस्य भगवान श्री कृष्ण के निष्काम कर्मयोग के विशाल उपवन से चुने हुए आध्यात्मिक सत्यों के सुन्दर गुणों का एक गुच्छा है। इस गुच्छे की व्याख्या विभिन्न महापुरुषों द्वारा समय-समय पर की गई है किंतु इसकी जितनी सरल और स्पष्ट व्याख्या व्यावहारिक �... See more
वैदिक ब्राह्मणो के पास जो परम्परागत हस्त लिखित पुस्तकें हैं , वे उन्हें दूसरों को नहीं देते I ज्ञान का लोप हो रहा है I हिन्दू सोलह संस्कारों की सम्पूर्ण जानकारी के साथ व्यवहारिक रूप से विवाह करने की प्रथा पर यह पुस्तक भारतीय संस्कृति की अमूल्य धरोहर है जिसे हस्तगत कर कोई भी व्यक्ति , किसी भी व्यक्ति का यगोपवीत अवं विवाह संस्कार वैदिक रीति रिवाज के अनुसार करा सकता है I,गीता रहस्य भगवान श्री कृष्ण के निष्काम कर्मयोग के विशाल उपवन से चुने हुए आध्यात्मिक सत्यों के सुन्दर गुणों का एक गुच्छा है। इस गुच्छे की व्याख्या विभिन्न महापुरुषों द्वारा समय-समय पर की गई है किंतु इसकी जितनी सरल और स्पष्ट व्याख्या व्यावहारिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बाल गंगाधर तिलक ने की है शायद ही अभी तक किसी अन्य महापुरुष ने की हो। इस ग्रंथ की रचना उन्होंने जेल में की थी।
उन्होंने इस ग्रंथ के माध्यम से बताया कि गीता चिन्तन उन लोगों के लिए नहीं है जो स्वार्थपूर्ण सांसारिक जीवन बिताने के बाद अवकाश के समय खाली बैठ कर पुस्तक पढ़ने लगते हैं और न यह संसारी लोगों के लिए कोई प्रारंभिक शिक्षा है। इसमें यह दार्शनिकता निहित है कि हमें मुक्ति की ओर दृष्टि रखते हुए सांसारिक कर्तव्य कैसे करने चाहिए। इस ग्रंथ में उन्होंने मनुष्य को उसके संसार में वास्तविक कर्तव्यों का बोध कराया है।