सनातन धर्म एक सार्वभौमिक धर्म है जो सबके सुख-शांति और सद्भाव की कामना करता है और आदर्श मानव जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है, चाहे वह लौकिक हो या अलौकिक। इस पुस्तक में सनातन शास्त्रों की वैज्ञानिक संदर्भ में एक उत्कृष्ट व्याख्या है जिसमें धर्म के आधिकारिक ग्रंथों जैसै वेद, उपनिषद, भागवद्गीता, ब्रह्मसूत्र, योगसूत्र, भारतीय षड्दर्शन आदि से महत्वपूर्ण और जीवनोपयोगी उद्धरण दिये गये हैं। पाश्चात्य विचारकों ने भी स्वीकार किया है कि सनातन शास्त्र ही विज्ञान के जन्मदाता हैं। सनातन दर्शन ने आधुनिक विज्ञान का भी मार्गदर्शन किया है। तरंग के रूप में ऊर्जा सृष्टि की उत्पत्ति का मूल कारण है (प्राणः एजति निःसृतम्) �... See more
सनातन धर्म एक सार्वभौमिक धर्म है जो सबके सुख-शांति और सद्भाव की कामना करता है और आदर्श मानव जीवन के हर पहलू को प्रभावित करता है, चाहे वह लौकिक हो या अलौकिक। इस पुस्तक में सनातन शास्त्रों की वैज्ञानिक संदर्भ में एक उत्कृष्ट व्याख्या है जिसमें धर्म के आधिकारिक ग्रंथों जैसै वेद, उपनिषद, भागवद्गीता, ब्रह्मसूत्र, योगसूत्र, भारतीय षड्दर्शन आदि से महत्वपूर्ण और जीवनोपयोगी उद्धरण दिये गये हैं। पाश्चात्य विचारकों ने भी स्वीकार किया है कि सनातन शास्त्र ही विज्ञान के जन्मदाता हैं। सनातन दर्शन ने आधुनिक विज्ञान का भी मार्गदर्शन किया है। तरंग के रूप में ऊर्जा सृष्टि की उत्पत्ति का मूल कारण है (प्राणः एजति निःसृतम्) ऋग्वेद की यह उक्ति विश्व के सबसे मंहगे आधुनिकतम (CERN प्रयोगशाला) में हाल के 'प्रोटान प्रोटान कोलाइडर' प्रयोग का प्रेरणास्रोत है। सनातन दर्शन का साहित्य वृहत है। इसके तर्कसम्मत जीवनोपयोगी ज्ञान- प्राप्ति एवं अनुशीलन केलिए हर जिज्ञासु को इस पुस्तक का अध्ययन करना चाहिए। हमारे ऋषियों ने हजारों वर्षों की तपस्या, गहन चिंतन एवं आत्मानुभूति से जो ज्ञान प्राप्त किया है उसके मत्त्वपूर्ण बिन्दुओं की जानकारी हर व्यक्ति को होनी चाहिए जो आध्यात्मिक जागरूकता एवं आत्मोत्थान को सुविधाजनक बनाएगी।