हम वर्ष 2015 से निरन्तर हिन्दी भाषा तथा साहित्य सेवा हेतु राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय साझा संकलन प्रकाशित करते आ रहे हैं जिसमें भारत के विभिन्न प्रदेशों तथा यदा-कदा विदेशों से भी साहित्य प्रेमियों का रचनात्मक सहयोग एवं शुभकामनाएं प्राप्त होती रही है। पिछले वर्ष श्रीराम मंदिर निर्माण, श्रीरामजी की मूर्ति स्थापना के विशाल आयोजन के उपरान्त मानों पूरा भारत ही अथवा कहें विश्व के किसी भी कोने में रह रहे रामभक्त, श्रीरामअनुयायी राम मय अनुभव कर रहे थे। इसी बीच साहित्यिक गतिविधियों में भी श्रीराम समर्पित आयोजन, सम्मान समारोह इत्यादि आयोजित होने लगे। इसी बीच अनुराधा प्रकाशन परिवार ने निर्णय लिया कि इस बार नये काम... See more
हम वर्ष 2015 से निरन्तर हिन्दी भाषा तथा साहित्य सेवा हेतु राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय साझा संकलन प्रकाशित करते आ रहे हैं जिसमें भारत के विभिन्न प्रदेशों तथा यदा-कदा विदेशों से भी साहित्य प्रेमियों का रचनात्मक सहयोग एवं शुभकामनाएं प्राप्त होती रही है। पिछले वर्ष श्रीराम मंदिर निर्माण, श्रीरामजी की मूर्ति स्थापना के विशाल आयोजन के उपरान्त मानों पूरा भारत ही अथवा कहें विश्व के किसी भी कोने में रह रहे रामभक्त, श्रीरामअनुयायी राम मय अनुभव कर रहे थे। इसी बीच साहित्यिक गतिविधियों में भी श्रीराम समर्पित आयोजन, सम्मान समारोह इत्यादि आयोजित होने लगे। इसी बीच अनुराधा प्रकाशन परिवार ने निर्णय लिया कि इस बार नये काम से नया संकलन प्रकाशित किया जाए। शीर्षक की बात आई तो एकाएक पंक्ति सूझी – ‘राम से बड़ा राम का नाम’ सहज ही अंकुरित हो गया। श्रीराम स्वयं सत्य, धर्म और आदर्श के प्रतीक हैं, उनका नाम इन गुणों की प्राप्ति कराता है।