आइआइटी मुंबई से पढ़ाई करने के बाद समाज सेवा के लिए संन्यास लेने वाले गौरांग दास इस्कॉन की प्रशासनिक इकाई के सदस्य हैं। लोगों के हृदय बदलने, उनकी सोच में सुधार लाने, स्थायी व आध्यात्मिक समुदायों की स्थापना कर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद को अपना जीवन समर्पित करने वाले गौरांग दास मूल्य आधारित समाज निर्माण के लिए काम करते हैं। वे एक विचारशील ध्यान विशेषज्ञ, रणनीतिज्ञ अध्यापक, स्थिरता और जलवायु परिवर्तन के लिए काम करने वाले योद्धा और सामाजिक कल्याण के लिए उत्प्रेरक व्यक्तित्व हैं। राधानाथ स्वामी द्वारा स्थापित इस्कॉन के गोवर्धन इकोविलेज के निदेशक गौरांग दास सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने... See more
आइआइटी मुंबई से पढ़ाई करने के बाद समाज सेवा के लिए संन्यास लेने वाले गौरांग दास इस्कॉन की प्रशासनिक इकाई के सदस्य हैं। लोगों के हृदय बदलने, उनकी सोच में सुधार लाने, स्थायी व आध्यात्मिक समुदायों की स्थापना कर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद को अपना जीवन समर्पित करने वाले गौरांग दास मूल्य आधारित समाज निर्माण के लिए काम करते हैं। वे एक विचारशील ध्यान विशेषज्ञ, रणनीतिज्ञ अध्यापक, स्थिरता और जलवायु परिवर्तन के लिए काम करने वाले योद्धा और सामाजिक कल्याण के लिए उत्प्रेरक व्यक्तित्व हैं। राधानाथ स्वामी द्वारा स्थापित इस्कॉन के गोवर्धन इकोविलेज के निदेशक गौरांग दास सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने वाली संस्था गोवर्धन स्कूल ऑफ पब्लिक लीडरशिप के बोर्ड में भी बैठते हैं। ग्रीन बिल्डिंग आंदोलन में उनके योगदान के लिए इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) ने उन्हें आईजीबीसी फेलो के रूप में मान्यता दी है। वे भक्तिवेदांत रिसर्च सेंटर (बीआरसी) के प्रशासनिक निदेशक भी हैं, जो कामकाजी पेशेवरों, गृहणियों और छात्रों को दर्शनशास्त्र के अ