9789355629043 : You Are The Placebo: Making Your Mind Matter | Build Your New Brain Book in Hindiक्या दवाओं या सर्जरी के बिना सिर्फ विचार से ही ठीक होना संभव है? 'यू आर द प्लेसबो' पुस्तक में डॉ. जो डिस्पेंजा ने ऐसे कई प्रलेखित मामले साझा किए हैं, जिन्होंने प्लेसबो पर विश्वास करके कैंसर, हृदय रोग, अवसाद, अपंग, गठिया, यहाँ तक कि पार्किंसंस रोग को भी ठीक किया। इसी तरह डॉ. जो बताते हैं कि कैसे दूसरे लोग बीमार हुए या किसी जादू-टोने के अभिशाप के शिकार होकर, या घातक बीमारी का गलत निदान होने के बाद मर गए। विश्वास इतना मजबूत हो सकता है कि दवा कंपनियाँ नई दवाओं का मूल्यांकन करते समय शरीर पर मन की शक्ति को बाहर करने के लिए डबल-ट्रिपल-ब्लाइंड रैंडमाइज्ड अध्ययनों का उपयोग करती हैं।9789355623645 : The... See more
9789355629043 : You Are The Placebo: Making Your Mind Matter | Build Your New Brain Book in Hindiक्या दवाओं या सर्जरी के बिना सिर्फ विचार से ही ठीक होना संभव है? 'यू आर द प्लेसबो' पुस्तक में डॉ. जो डिस्पेंजा ने ऐसे कई प्रलेखित मामले साझा किए हैं, जिन्होंने प्लेसबो पर विश्वास करके कैंसर, हृदय रोग, अवसाद, अपंग, गठिया, यहाँ तक कि पार्किंसंस रोग को भी ठीक किया। इसी तरह डॉ. जो बताते हैं कि कैसे दूसरे लोग बीमार हुए या किसी जादू-टोने के अभिशाप के शिकार होकर, या घातक बीमारी का गलत निदान होने के बाद मर गए। विश्वास इतना मजबूत हो सकता है कि दवा कंपनियाँ नई दवाओं का मूल्यांकन करते समय शरीर पर मन की शक्ति को बाहर करने के लिए डबल-ट्रिपल-ब्लाइंड रैंडमाइज्ड अध्ययनों का उपयोग करती हैं।9789355623645 : The Art Of Letting Go | Forgive People And Move On! Motivational, Inspirational & Personality Developmentहममे से अधिकांश लोग नकारात्मक विचारों और भावनाओं से ग्रस्त होते हैं। इनमें से कुछ गहरे व्यक्तिगत नुकसान के कारण दर्दनाक स्मृतियों से उपजी होती हैं, तो कुछ झूठी उम्मीदों और टूटे हुए सपनों के परिणामस्वरूप होने वाली पीड़ादायक निराशाओं से उत्पन्न होती हैं और कुछ अन्य होती हैं, जो हमें प्रतिदिन परेशान करने वाले तनावों एवं संकटों के कारण उत्पन्न हुए क्रोध, आक्रोश व हताशा से आती हैं।इस पुस्तक में चीजों को जाने देने के लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से डिजाइन की गई चरण-दर-चरण प्रक्रिया बताई गई है। इससे आप अनासक्ति की मानसिकता अपनाना सीखेंगे। अनासक्ति के विचार को अकसर भौतिक संपत्ति का परित्याग करने के रूप में समझा जाता है। हम अनासक्ति का अनुसरण उस रूप में करेंगे, जैसे कि वे शिकायतों, कड़वाहटों और अन्य मनोवैज्ञानिक बोझों से संबंधित हैं, जो हमारे दिमाग में स्वतंत्र रूप से रहते हैं।