9789355210357 : 101 Micro Habits Transform Your Life with 101 Simple and Effective Habits‘101 माइक्रो Habits’ का सार यह है कि हम आदतों में छोटे-छोटे परिवर्तनों (जैसे फल खाने या किसी प्रियजन को संदेश भेजने) की एक शृंखला बनाएँ और उस पर प्रतिदिन अमल करने का अभ्यास बनाएँ।इस पुस्तक में ऐसी 101 छोटी-छोटी आदतें बताई गई हैं, जो आपके जीवन में त्वरित एवं तात्कालिक सुधार ला सकती हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि एक जाँच-सूची द्वारा प्रबंधित सरल दिनचर्या कैसे बनाई जाए, जिसे हम दैनंदिन आधार पर दोहरा सकें? इससे भी अधिक अच्छी बात यह है कि हम इसमें कुछ ऐसे उपाय पाएँगे, जो हमें प्रेरित व एकाग्र बनाए रखेंगे। यहाँ तक कि यदि हम तनावग्रस्त होंगे, तब भी इन कार्यों को अनवरत करने हेतु ऊर्जा एवं समय नि�... See more
9789355210357 : 101 Micro Habits Transform Your Life with 101 Simple and Effective Habits‘101 माइक्रो Habits’ का सार यह है कि हम आदतों में छोटे-छोटे परिवर्तनों (जैसे फल खाने या किसी प्रियजन को संदेश भेजने) की एक शृंखला बनाएँ और उस पर प्रतिदिन अमल करने का अभ्यास बनाएँ।इस पुस्तक में ऐसी 101 छोटी-छोटी आदतें बताई गई हैं, जो आपके जीवन में त्वरित एवं तात्कालिक सुधार ला सकती हैं। इसमें यह भी बताया गया है कि एक जाँच-सूची द्वारा प्रबंधित सरल दिनचर्या कैसे बनाई जाए, जिसे हम दैनंदिन आधार पर दोहरा सकें? इससे भी अधिक अच्छी बात यह है कि हम इसमें कुछ ऐसे उपाय पाएँगे, जो हमें प्रेरित व एकाग्र बनाए रखेंगे। यहाँ तक कि यदि हम तनावग्रस्त होंगे, तब भी इन कार्यों को अनवरत करने हेतु ऊर्जा एवं समय निकाल लेंगे।
9789352663064 : Secrets Of Leadership | A Guide To Develop Effective Leadership Strategies & Tactics - Hindi Editionकार्य समूह (टीम) के बिना नेतृत्वकर्ता का कोई अस्तित्व नहीं है। दोनों एक साथ मिलकर समूह के भीतर पारस्परिक संबंध की रचना करते हैं। और समूह की सफलता इस बात निर्भर करती है कि दोनों—नेतृत्वकर्ता व कार्य समूह—कैसे एक साथ मिलकर काम कर पाते हैं। लेकिन ऐसा तब हो पाता है, जब कार्य-स्थल में नेतृत्वकर्ता व कार्यकर्ता के बीच का अस्वाभाविक असुरक्षा भाव खत्म हो जाता है और स्वाभाविक ‘मानवीय सुरक्षा-चक्र’ (ह्यूमन सेफ्टी सर्किल) का निर्माण होता है। फिर कार्य समूह के सदस्य एक-दूसरे पर भरोसा करने लगते हैं। उनके बीच आपसी सहानुभूति बढ़ती है। वे एक-दूसरे के लिए कुछ करने को तैयार हो जाते हैं और उनके लिए कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं रह पाता है। यही है नेतृत्व का मानव-विज्ञान (ह्यूमन साइंस)।
9789352665174 : Arabpatiyon Jaisa Kaise Sochen?क्या आपने स्वयं से कभी कहा है—हाँ, मैं अमीर बन सकता हूँ! हो सकता है कि कहा हो या फिर नहीं भी। यही अमीर बनने की पहली व सबसे बड़ी शर्त है। यदि इस पर गंभीरता से विचार-विमर्श नहीं किया और यों ही अपने मन को समझा लिया कि ‘मैं अमीर बन सकता हूँ।’ तो असल बात बन न सकेगी। इससे पहले अमीर बनने की यात्रा शुरू हो पाना संभव नहीं है, क्योंकि यही जीवन बदलने वाली महान् यात्रा का प्रस्थान बिंदु है।सबसे पहले आप यह मानें कि आपने सचमुच में इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार नहीं किया है और फिर पूरी सहजता से पूछें, ‘क्या मैं अमीर बन सकता हूँ?’ हाँ, यह चिंतन-प्रक्रिया थोड़ी जटिल है, इसलिए न तो मन में उठ रहे भावों की तह में जाने से घबराएँ और न ही जल्दबाजी करें। खुद को सहज व संयत रखें और बस अपने विचारों को साक्षी भाव से देखें।