Born to win (Aapki Jeet)पचासी वर्ष की आयु और पचास वर्ष से भी अधिक समय तक दुनिया को बहुत कुछ देते रहनेवाले जिग जिगलर प्रेरणादायी और उत्साहवर्धक बातचीत का एक ऐसा प्रतिष्ठित नाम बन चुके हैं, जिन्हें कई लोग प्रेरणा और संतुलित जीवन का जनक तक कहते हैं। उनकी आखिरी और अब तक की सबसे विस्तृत और समग्र पुस्तक पेश है आपकी जीत! जानिए अपनी सफलता का सूत्र।
जिग जिगलर की आखिरी पुस्तक में जीवन का कायाकल्प करनेवाले साधनों और उपायों से जुड़े साढ़े चार दशक के अनुभवों को प्रेरक, संक्षिप्त और सरल रूप में समेटा गया है, जिनका उपयोग अंतिम पंक्ति के वे लोग आसानी से कर सकते हैं, जो अपने जीवन का विस्तार और सुधार अभी-की-अभी करना चाहते हैं।
पाठक यह जान जाएँ�... See more
Born to win (Aapki Jeet)पचासी वर्ष की आयु और पचास वर्ष से भी अधिक समय तक दुनिया को बहुत कुछ देते रहनेवाले जिग जिगलर प्रेरणादायी और उत्साहवर्धक बातचीत का एक ऐसा प्रतिष्ठित नाम बन चुके हैं, जिन्हें कई लोग प्रेरणा और संतुलित जीवन का जनक तक कहते हैं। उनकी आखिरी और अब तक की सबसे विस्तृत और समग्र पुस्तक पेश है आपकी जीत! जानिए अपनी सफलता का सूत्र।
जिग जिगलर की आखिरी पुस्तक में जीवन का कायाकल्प करनेवाले साधनों और उपायों से जुड़े साढ़े चार दशक के अनुभवों को प्रेरक, संक्षिप्त और सरल रूप में समेटा गया है, जिनका उपयोग अंतिम पंक्ति के वे लोग आसानी से कर सकते हैं, जो अपने जीवन का विस्तार और सुधार अभी-की-अभी करना चाहते हैं।
पाठक यह जान जाएँगे कि जब आपके पास चीजों को बदलने की उम्मीद और उस बदलाव को संभव बनाने की योजना होती है, तब आप कर सकते हैं और करते भी हैं। जिग जिगलर के संपूर्ण व्यक्तित्व, जीवन के प्रति संतुलित दृष्टिकोण ने करोड़ों लोगों को अच्छा स्वास्थ्य, परिवार और मित्रों के प्रति अगाध प्रेम और आभार, वित्तीय सुरक्षा और आत्मनिर्भरता, तथा मन की आध्यात्मिक शांति दी है। आप जब सही मायने में समझ जाते हैं कि आपकी जीत निश्चित है, तब आप दुनिया को बदल सकते हैं!9789355622488: Body Languageबॉडी लैंग्वेज यानी शरीर की भाषा, शरीर के अंगों के हाव-भाव। बिना कोई बातचीत किए व बिना शब्दों का इस्तेमाल किए हम कितना कुछ कह जाते हैं, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हमारे हाव-भाव शब्दों की कमी को कितनी सरलता व सुघड़ता से पूरा कर जाते हैं। बॉडी लैंग्वेज विशेषज्ञों के अनुसार, व्यक्ति सत्तर फीसदी बातें अपने हाव-भावों के जरिए करता है। जब शरीर के हाव-भाव या बॉडी लैंग्वेज हमारे जीवन में इतना महत्त्वपूर्ण रोल अदा करते हैं तो फिर हम अपनी भावभंगिमाओं की ओर ध्यान क्यों नहीं देते हैं? उन्हें समझने की कोशिश क्यों नहीं करते हैं?
एक सूक्ति है—‘सिर्फ नेत्र ही बता सकते हैं कि हृदय में घृणा है या प्रेम!’ इसलिए व्यक्तित्व निर्माण में इतनी महत्त्वपूर्ण बॉडी लैंग्वेज को समझना अत्यंत आवश्यक है। प्रस्तुत पुस्तक अपनी पर्सनैलिटी को निखारने व लोगों पर प्रभाव छोडऩे के लिए आपको तैयार करेगी। सेल्फ हेल्प की एक व्यावहारिक एवं अत्यंत उपयोगी पुस्तक।"