एक ख़्याल लिखने का मेरा उद्देश्य केवल शब्दों की रचना करना नहीं है, बल्कि भावनाओं, विचारों और अनुभवों को गहराई से व्यक्त करना और उन्हें दूसरों के साथ साझा करना है। विचार, चाहे वे व्यक्तिगत हों या सार्वभौमिक, एक ऐसी चीज़ हैं जो हमें आपस में जोड़ती हैं। जब हम अपने ख़्यालों को व्यक्त करते हैं, तो यह केवल हमारे मानसिक संतुलन का ही हिस्सा नहीं होता, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण माध्यम बन जाता है जिससे हम अपने और समाज के बीच संवाद स्थापित करते हैं। दूसरों के साथ अपने ख़्यालों को साझा करना एक प्रकार की आत्मीयता को जन्म देता है। जब हम अपनी भावनाओं और अनुभवों को लिखित रूप में पेश करते हैं, तो हम न केवल अपने आप को समझते हैं, बल्कि ... See more
एक ख़्याल लिखने का मेरा उद्देश्य केवल शब्दों की रचना करना नहीं है, बल्कि भावनाओं, विचारों और अनुभवों को गहराई से व्यक्त करना और उन्हें दूसरों के साथ साझा करना है। विचार, चाहे वे व्यक्तिगत हों या सार्वभौमिक, एक ऐसी चीज़ हैं जो हमें आपस में जोड़ती हैं। जब हम अपने ख़्यालों को व्यक्त करते हैं, तो यह केवल हमारे मानसिक संतुलन का ही हिस्सा नहीं होता, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण माध्यम बन जाता है जिससे हम अपने और समाज के बीच संवाद स्थापित करते हैं। दूसरों के साथ अपने ख़्यालों को साझा करना एक प्रकार की आत्मीयता को जन्म देता है। जब हम अपनी भावनाओं और अनुभवों को लिखित रूप में पेश करते हैं, तो हम न केवल अपने आप को समझते हैं, बल्कि अपने विचारों को समाज के बड़े परिप्रेक्ष्य में रखते हैं। यह संवाद का सबसे प्रबल माध्यम बन जाता है, जहां शब्दों की गहराई से एक अनकहा संवाद उत्पन्न होता है। इसलिए, एक ख़्याल लिखने का उद्देश्य सिर्फ़ एक आत्म-अभिव्यक्ति नहीं है, बल्कि यह एक सशक्त तरीका है जिससे हम अपने अनुभवों को दूसरों के साथ जोड़ सकते हैं और उन्हें भी सोचने और समझने की प्रेरणा दे सकते हैं। जीवन में बिखरना और निखरना लगा रहता है। इनको मैं जीवन का एक अहम पहलू मानती हूँ और इन पंक्तियों से यह भाव व्यक्त करती हूँ कि... जो बिखरा नहीं वह निखरा ही नहीं पर जो बिखर कर निखरा वह फिर कभी बिखरा ही नहीं ....