मीडिया युगबोध के साथ मानवता के विकास और विचारोत्तेजन का राजमार्ग है। समाज, संस्कृति, साहित्य, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अन्तरिक्ष के व्यापक प्रसार के साथ मानव-संघर्ष, प्रगति-दुर्गति वाले जीवन-सागर में आये ज्वार-भाटा को संसूचित करने में मीडिया ही सक्षम है। अविश्वास, अन्धविश्वास, अन्धेरगर्दी को मिटाकर सभ्य, सदाशय समाज के निर्माता संचार-संसाधन ही हैं जो अद्यतन घटनाओं के उद्घोषक, वैचारिक आन्दोलन के पुरोधा सिद्ध हो रहे हैं। पल-पल पर परिवर्तित जीवन और जगत् की अनन्त जिज्ञासा का सूत्रधार यही मीडिया है जो अभिव्यक्ति का समग्र विज्ञान तथा मनोरम कला है। 'देश की धड़कन के साथ धड़कता सूचना-स्रोत', 'नया नज़रिया-नयी तकनीक... See more
मीडिया युगबोध के साथ मानवता के विकास और विचारोत्तेजन का राजमार्ग है। समाज, संस्कृति, साहित्य, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं अन्तरिक्ष के व्यापक प्रसार के साथ मानव-संघर्ष, प्रगति-दुर्गति वाले जीवन-सागर में आये ज्वार-भाटा को संसूचित करने में मीडिया ही सक्षम है। अविश्वास, अन्धविश्वास, अन्धेरगर्दी को मिटाकर सभ्य, सदाशय समाज के निर्माता संचार-संसाधन ही हैं जो अद्यतन घटनाओं के उद्घोषक, वैचारिक आन्दोलन के पुरोधा सिद्ध हो रहे हैं। पल-पल पर परिवर्तित जीवन और जगत् की अनन्त जिज्ञासा का सूत्रधार यही मीडिया है जो अभिव्यक्ति का समग्र विज्ञान तथा मनोरम कला है। 'देश की धड़कन के साथ धड़कता सूचना-स्रोत', 'नया नज़रिया-नयी तकनीक' से सम्पुष्ट मीडिया 'मिशन', 'प्रोफ़ेशन' और 'एम्बिशन' है जिसमें सुप्रशिक्षित होकर सम्पादक, उपसम्पादक, ब्यूरोचीफ़, वार्ताकार, कमेंटेटर, स्तम्भ लेखक, कार्टूनिस्ट, पी.आर.ओ., हिन्दी अधिकारी तथा प्रोफ़ेसर के रूप में जीवन को समुज्ज्वल बनाया जा सकता है। इंडियन इन्फार्मेशन सर्विस, डी.ए.वी.पी., फ़िल्म्स डिवीजन, नेशनल फ़िल्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, प्रेस इन्फार्मेशन ब्यूरो, पब्लिकेशन डिवीजन, प्रसार भारती के विविध पदों पर वही आसीन हो सकता है जो मीडिया विशेषज्ञ हो। मल्टीमीडिया के विभिन्न स्वरूपों में दक्षता प्राप्त कर युवा पीढ़ी गोल्ड, ग्लोरी, ग्लैमर का हकदार बन सकती है जिसके निमित्त ही इस ग्रन्थ को प्रस्तुत किया जा रहा है।