सुरेन्द्र मोहन पाठक का जन्म 19 फरवरी, 1940 को पंजाब के खेमकरण में हुआ था। विज्ञान में स्नातक की उपाधि हासिल करने के बाद उन्होंने भारतीय दूरभाष उद्योग में नौकरी कर ली। युवावस्था तक कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लेखकों को पढ़ने के साथ ही उन्होंने इयन फ़्लेमिंग, मारियो पूज़ो और जेम्स हेडली चेज़ के उपन्यासों का अनुवाद शुरू कर दिया और इसके बाद आप मौलिक लेखन करने लगे। सुरेन्द्र मोहन पाठक के सबसे प्रसिद्ध उपन्यास असफल अभियान और खाली वार थे, जिसने पाठक जी को प्रसिद्धि के सबसे ऊँचे शिखर पर पहुँचा दिया। इसके पश्चात उन्होंने अभी तक पीछे मुड़ कर नहीं देखा है। उनका पैंसठ लाख की डकैती नामक उपन्यास अंग्रेजी में भी छपा और उसकी कर... See more
सुरेन्द्र मोहन पाठक का जन्म 19 फरवरी, 1940 को पंजाब के खेमकरण में हुआ था। विज्ञान में स्नातक की उपाधि हासिल करने के बाद उन्होंने भारतीय दूरभाष उद्योग में नौकरी कर ली। युवावस्था तक कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय लेखकों को पढ़ने के साथ ही उन्होंने इयन फ़्लेमिंग, मारियो पूज़ो और जेम्स हेडली चेज़ के उपन्यासों का अनुवाद शुरू कर दिया और इसके बाद आप मौलिक लेखन करने लगे। सुरेन्द्र मोहन पाठक के सबसे प्रसिद्ध उपन्यास असफल अभियान और खाली वार थे, जिसने पाठक जी को प्रसिद्धि के सबसे ऊँचे शिखर पर पहुँचा दिया। इसके पश्चात उन्होंने अभी तक पीछे मुड़ कर नहीं देखा है। उनका पैंसठ लाख की डकैती नामक उपन्यास अंग्रेजी में भी छपा और उसकी करोड़ों प्रतियाँ बिकने की खबर चर्चा में रही।