चिन्तन की नई दिशाएं (बल्लभ डोभाल) द्वारा रचित अनुभव-साक्षिक कृति है,जो उनके यायावरी जीवन को जीते हुए उनके लेखन के प्रत्यक्ष-दर्शन को सामने रखती है। बल्लभ जी महापंडित राहुल सांकृत्यायन की परंपरा के लेखक हैं। प्रस्तुत पुस्तक में संस्कृति की जड़ों को दूर तक टटोलते हुए वे अपनी धारणाओं को सीधे रख देते हैं। उनके सृजन ने साहित्य के विविध आयामों का स्पर्श किया है। मनुष्य के ऊपरी आवरण को पारकर उसके अन्तर्जगत का दर्शन कराने की कला में वे पारंगत हैं। हिमालय के परिवेश में जन्म लेने के कारण प्रकृति के साथ उनका गहन-तादात्म्य है। अपनी संस्कृति की जड़ों को दूर तक टटोलते हुए उन्होंने प्राचीन भारतीय वाङ्मय में आयी अनेक धारण... See more
चिन्तन की नई दिशाएं (बल्लभ डोभाल) द्वारा रचित अनुभव-साक्षिक कृति है,जो उनके यायावरी जीवन को जीते हुए उनके लेखन के प्रत्यक्ष-दर्शन को सामने रखती है। बल्लभ जी महापंडित राहुल सांकृत्यायन की परंपरा के लेखक हैं। प्रस्तुत पुस्तक में संस्कृति की जड़ों को दूर तक टटोलते हुए वे अपनी धारणाओं को सीधे रख देते हैं। उनके सृजन ने साहित्य के विविध आयामों का स्पर्श किया है। मनुष्य के ऊपरी आवरण को पारकर उसके अन्तर्जगत का दर्शन कराने की कला में वे पारंगत हैं। हिमालय के परिवेश में जन्म लेने के कारण प्रकृति के साथ उनका गहन-तादात्म्य है। अपनी संस्कृति की जड़ों को दूर तक टटोलते हुए उन्होंने प्राचीन भारतीय वाङ्मय में आयी अनेक धारणाओं को सही परिप्रेक्ष्य में रखा है।