हिन्दी की लोकप्रिय पुस्तक “विटामिन ज़िन्दगी” अब मैथिली में भी उपलब्ध। अपनी भाषा मैथिली में मनविटामिन पाएँ और अपना भविष्य आप बनाना सीखें। पुस्तक के लेखक हैं ललित कुमार ‘सम्यक ललित’ और मैथिली अनुवाद आदित्य भूषण मिश्र ने किया है। जेना शरीर कें विभिन्न तरहक विटामिन केर आवश्यकता होइत छैक, तहिना मन कें सेहो आशा, विश्वास, साहस आ प्रेरणा रूपी मनविटामिन केर आवश्यकता होइत छैक। लोकक जीवन में समस्या, संघर्ष, चुनौती, निराशा सब अबैत रहैत छैक जाहि सँ पार पयबाक लेल ‘विटामिन जिनगी’ केर होयब आवश्यक छैक। विटामिन जिनगी एहि बातक उद्घोष छैक जे मनुष्य विपरीत परिस्थिति सँ जीति सकैत अछि। ललितक यात्रा ‘असामान्य सँ असाधारण’ धरिक... See more
हिन्दी की लोकप्रिय पुस्तक “विटामिन ज़िन्दगी” अब मैथिली में भी उपलब्ध। अपनी भाषा मैथिली में मनविटामिन पाएँ और अपना भविष्य आप बनाना सीखें। पुस्तक के लेखक हैं ललित कुमार ‘सम्यक ललित’ और मैथिली अनुवाद आदित्य भूषण मिश्र ने किया है। जेना शरीर कें विभिन्न तरहक विटामिन केर आवश्यकता होइत छैक, तहिना मन कें सेहो आशा, विश्वास, साहस आ प्रेरणा रूपी मनविटामिन केर आवश्यकता होइत छैक। लोकक जीवन में समस्या, संघर्ष, चुनौती, निराशा सब अबैत रहैत छैक जाहि सँ पार पयबाक लेल ‘विटामिन जिनगी’ केर होयब आवश्यक छैक। विटामिन जिनगी एहि बातक उद्घोष छैक जे मनुष्य विपरीत परिस्थिति सँ जीति सकैत अछि। ललितक यात्रा ‘असामान्य सँ असाधारण’ धरिक यात्रा छनि। पोलियो सनक रोग हुनका सामान्य सँ असामान्य बना देलकनि, मुदा अपन परिश्रम आ जिजीविषाक बलें ओ अपना कें एहि साधारण भीड़ सँ ततेक भिन्न बना लेलनि जे हुनका असाधारण कहब अतिशयोक्ति नहि होयत। एही यात्राक कथा समेटने ई पोथी, जिनगीक विटामिन सँ परिपूर्ण अछि। एहि पोथी में सभक हेतु किछु ने किछु छैक जे लोक कें विपरीत परिस्थिति सँ लड़बाक प्रेरणा दैत छैक।