लेखन मानव के मूल स्वभाव में है। मानव के लिए लिखना संसार से उनका संवाद है। दो दशकों से भी अधिक समय से लेखन में सक्रिय मानव ने बीते 6-7 सालों में बहुत सघन लेखन किया है। अब तक मानव की 10 पुस्तकें—‘ठीक तुम्हारे पीछे’ (कहानियाँ), ‘प्रेम कबूतर’ (कहानियाँ), ‘तुम्हारे बारे में’ (न कविता, न कहानी), ‘बहुत दूर, कितना दूर होता है’ (यात्रा-वृत्तांत), ‘चलता-फिरता प्रेत’ (कहानियाँ), ‘अंतिमा’ (उपन्यास), ‘कर्ता ने कर्म से’ (कविताएँ), ‘शर्ट का तीसरा बटन’ (उपन्यास), ‘रूह’ (यात्रा-वृत्तांत) और ‘तितली’ (उपन्यास) प्रकाशित हो चुकी हैं। ‘टूटी हुई बिखरी हुई’ मानव की ग्यारहवीं किताब और चौथा उपन्यास है।