कश्मीर के बारामूला में पैदा हुए मानव कौल की परवरिश मध्य प्रदेश के होशंगाबाद में हुई। 2004 में अरण्य नाम के एक ख़्बाव का जन्म हुआ। मानव के क़ाबिल निर्देशन में शक्कर के पाँच दाने और पार्क जैसे नाटकों के साथ अरण्य ने तेज़ी से देश-विदेश के थिएटर सर्किट में माक़ूल जगह बनाई। पीले स्कूटर वाला आदमी नाटक में मानव ने अपने लेखन में उस काव्यात्मक लहज़े और अंदाज़ को अपनाया जिसकी तुलना आलोचकों ने निर्मल वर्मा और विनोद कुमार शुक्ल की लेखन-शैली से की। 2003 में जजनत्रम ममनत्रम से फ़िल्मी करियर की शुरुआत हुई। 2013 में रिलीज़ हुई फ़िल्म काई पो चे में इनके अभिनय को ख़ूब सराहना मिली। इस साल वज़ीर और जयगंगाजल के साथ बड़े पर्दे पर उनके अभिनय की चर्चा हो रही है। ठीक तुम्हारे पीछे मानव कौल का पहला कहानी-संग्रह ही नहीं, उनके रचनात्मक सफ़र का एक अहम पड़ाव भी है।