सहज का अर्थ होता है कि हवा-पानी की तरह हो जाए। जीच में बुद्धि से बाधा न डालें। जो हो रहा है उसे होने दें। जो है, उससे भिन्न होने की कोशिश मत करें। जो है, उसे स्वीकार कर लें। जो है, उसे जानें और जीएं। और इस जीने, जानने और स्वीकार से आएगा परिवर्तन, म्यूटेशन, बदलाहट। और यह बदलाहट आपको वहां पहुंचा देगी जहां परमात्मा है।,जो पुराना है वह जाएगा। जो मृत है वह गिरेगा, क्योंकि धर्मयुद्ध छेड़ दिया है ओशो ने। और यह धर्मयुद्ध धर्म की जीत तक, धर्म की स्थापना तक चलने वाला है। यह युद्ध कोई दो देशों के बीच का युद्ध नहीं है कि इसमें कोई समझौता हो जाए। यह तो अंत तक चलने वाला है और अंततः धर्म जीतेगा, सत्य जीतेगा, यह संन्यासी योद्धा जीतेगा। �... See more
सहज का अर्थ होता है कि हवा-पानी की तरह हो जाए। जीच में बुद्धि से बाधा न डालें। जो हो रहा है उसे होने दें। जो है, उससे भिन्न होने की कोशिश मत करें। जो है, उसे स्वीकार कर लें। जो है, उसे जानें और जीएं। और इस जीने, जानने और स्वीकार से आएगा परिवर्तन, म्यूटेशन, बदलाहट। और यह बदलाहट आपको वहां पहुंचा देगी जहां परमात्मा है।,जो पुराना है वह जाएगा। जो मृत है वह गिरेगा, क्योंकि धर्मयुद्ध छेड़ दिया है ओशो ने। और यह धर्मयुद्ध धर्म की जीत तक, धर्म की स्थापना तक चलने वाला है। यह युद्ध कोई दो देशों के बीच का युद्ध नहीं है कि इसमें कोई समझौता हो जाए। यह तो अंत तक चलने वाला है और अंततः धर्म जीतेगा, सत्य जीतेगा, यह संन्यासी योद्धा जीतेगा। यह तय है। इस धर्मयुद्ध को छिड़े करीब बीस वर्ष बीत गए हैं, इस तरह हिसाब लगाते हैं तो कभी-कभी दुश्चिता होती है कि अबतक तो लगभग आधी मनुष्यता को खबर लग जानी चाहिए थी कि यह संन्यासी योद्धा हमारा शत्रु नहीं बल्कि परम मित्र है। यह हमारी बेड़ियां काटने वाला मुक्तिदाता है। इस खबर के न लगने से बड़ा अहित हुआ है। मनुष्य जाति के इस अहित के लिए जिम्मेदार हैं वे लोग जो संचार माध्यमों पर कुंडली मारे बैठे हैं।,"उनके शब्द निपट जादू हैं"__ -अमृता प्रीतम"भारत ने अब तक जितने विचारक पैदा किए हैं, वे उनमें सबसे मौलिक, सबसे उर्वर, सबसे स्पष्ट और सर्वाधिक सजनशील विचारक थे। उनके जैसा कोई व्यक्ति हम सदियों तक न देख पाएंगे। ओशो के जाने से भारत ने अपने महानतम सपूतों में से एक खो दिया है। विश्वभर में जो भी खुले दिमाग वाले लोग हैं, वे भारत की इस हानि के भागीदार होंगे।"खुशवंत सिंह सुविख्यात पत्रकार एवं लेखक