कोलकाता में 25 अक्टूबर 1938 को जन्मीं मृदुला गर्ग ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में परास्नातक करने के बाद दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज व जानकी देवी कॉलेज में अध्यापन कार्य किया। 1971 में रचनात्मक लेखन की शुरुआत हुई और पहला उपन्यास उसके हिस्से की धूप व कथा संग्रह, कितनी क़ैदें 1975 में प्रकाशित हुआ। मृदुला गर्ग के उपन्यास व कहानियाँ अंग्रेज़ी, जर्मन, चेक, जापानी आदि विदेशी व अन्य भारतीयों भाषाओं में अनुदित हैं। आकाशवाणी के प्रथम पुरस्कार, व्यास सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कार, मध्य प्रदेश साहित्य परिषद के महाराज वीर सिंह अखिल भारतीय पुरस्कार व सेठ गोविंद दास अखिल भारतीय पुरस्कार, हिंदी अकादमी दिल्... See more
कोलकाता में 25 अक्टूबर 1938 को जन्मीं मृदुला गर्ग ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में परास्नातक करने के बाद दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज व जानकी देवी कॉलेज में अध्यापन कार्य किया। 1971 में रचनात्मक लेखन की शुरुआत हुई और पहला उपन्यास उसके हिस्से की धूप व कथा संग्रह, कितनी क़ैदें 1975 में प्रकाशित हुआ। मृदुला गर्ग के उपन्यास व कहानियाँ अंग्रेज़ी, जर्मन, चेक, जापानी आदि विदेशी व अन्य भारतीयों भाषाओं में अनुदित हैं। आकाशवाणी के प्रथम पुरस्कार, व्यास सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कार, मध्य प्रदेश साहित्य परिषद के महाराज वीर सिंह अखिल भारतीय पुरस्कार व सेठ गोविंद दास अखिल भारतीय पुरस्कार, हिंदी अकादमी दिल्ली के साहित्यकार सम्मान, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के साहित्य भूषण सम्मान व राम मनोहर लोहिया सम्मान और टाइम्स ऑफ इंडिया के लाइफ टाइम एचीवमेंट सम्मान से सम्मानित मृदुला गर्ग को न्यू यॉर्क के ह्यूमन राइट्स वॉच से हैलमन-हैमट ग्रांट मिली है। उन्हें विश्व हिंदी सम्मेलन सुरीनाम में भी सम्मानित किया गया था।