मेरे मन में इंतज़ार की जो फिल्म चल रही थी, ये कॉल शायद उसमें एक इंटरवल था या कोई ब्रेक। और उस ब्रेक में मुझे एक ऐसा विज्ञापन दिख गया था, जो मुझे महसूस करा गया था कि सिर्फ़ मैं अकेला नहीं हूँ, इस दुनिया में, जो किसी के इंतज़ार में हूँ। हज़ारों-लाखों लोग हैं, इस पूरी धरती पर, जो इस पल किसी के कॉल का, मैसेज का या किसी के आने का इंतज़ार कर रहे होंगे। यह सारे लोग मुझसे तो काफ़ी बेहतर हैं, इस इंतज़ार की कला में। न जाने उन्होंने इतना सब्र करना कहाँ से सीखा है। मुझे बस यही नहीं आया। नहीं होता सब्र, सबको कहता फिरता हूँ कि मुझसे इंतज़ार नहीं किया जाता। बल्कि सच तो ये है कि इंतज़ार ही करता रहता हूँ हमेशा। भले ही मजबूरन, करना ही पड़ता है। सब्र क�... See more
मेरे मन में इंतज़ार की जो फिल्म चल रही थी, ये कॉल शायद उसमें एक इंटरवल था या कोई ब्रेक। और उस ब्रेक में मुझे एक ऐसा विज्ञापन दिख गया था, जो मुझे महसूस करा गया था कि सिर्फ़ मैं अकेला नहीं हूँ, इस दुनिया में, जो किसी के इंतज़ार में हूँ। हज़ारों-लाखों लोग हैं, इस पूरी धरती पर, जो इस पल किसी के कॉल का, मैसेज का या किसी के आने का इंतज़ार कर रहे होंगे। यह सारे लोग मुझसे तो काफ़ी बेहतर हैं, इस इंतज़ार की कला में। न जाने उन्होंने इतना सब्र करना कहाँ से सीखा है। मुझे बस यही नहीं आया। नहीं होता सब्र, सबको कहता फिरता हूँ कि मुझसे इंतज़ार नहीं किया जाता। बल्कि सच तो ये है कि इंतज़ार ही करता रहता हूँ हमेशा। भले ही मजबूरन, करना ही पड़ता है। सब्र करना नहीं आता और शायद मुझे ये अभी इस वक़्त, ये लिखते समय समझ आया। दो बजकर उनसठ मिनट पर एक कॉल आया। मैं तब बाहर जाने की तैयारी कर रहा था। मैंने कॉल उठाया, सामने से आवाज़ आई... - इसी पुस्तक से