लता दीदी का अनुपम जीवन और कार्य, परिवार के लिए उठाए कष्ट, उनका प्रखर स्वाभिमान, अपने काम के प्रति उनकी गहरी निष्ठा, त्याग और मानवीय संवेदनाओं से आलोकित उनके व्यक्तित्व को रेखांकित करती पुस्तक, जो पाठकों को सम्मोहित कर देगी और उनके प्रति सम्मान एवं श्रद्धा का विस्तार करेगी।‘लता दीदी और मैं’ केवल मेरी अपनी कहानी नहीं है। यह पूरे मंगेशकर परिवार का इतिहास है। हिंदी सिनेमा संगीत का अमूल्य दस्तावेज है। लता दीदी इस पुस्तक की आधारशिला हैं। मंगेशकर परिवार दीदी की वत्सल छाया में पला है। उस विशाल वृक्ष की कहानी कहने का यह मेरा अदना सा प्रयास है।हमारी विनती का सम्मान करते हुए श्रेष्ठ , मर्मज्ञ और तपस्वी अभिनेता श्री �... See more
लता दीदी का अनुपम जीवन और कार्य, परिवार के लिए उठाए कष्ट, उनका प्रखर स्वाभिमान, अपने काम के प्रति उनकी गहरी निष्ठा, त्याग और मानवीय संवेदनाओं से आलोकित उनके व्यक्तित्व को रेखांकित करती पुस्तक, जो पाठकों को सम्मोहित कर देगी और उनके प्रति सम्मान एवं श्रद्धा का विस्तार करेगी।‘लता दीदी और मैं’ केवल मेरी अपनी कहानी नहीं है। यह पूरे मंगेशकर परिवार का इतिहास है। हिंदी सिनेमा संगीत का अमूल्य दस्तावेज है। लता दीदी इस पुस्तक की आधारशिला हैं। मंगेशकर परिवार दीदी की वत्सल छाया में पला है। उस विशाल वृक्ष की कहानी कहने का यह मेरा अदना सा प्रयास है।हमारी विनती का सम्मान करते हुए श्रेष्ठ , मर्मज्ञ और तपस्वी अभिनेता श्री अमिताभ बच्चनजी ने अपने व्यस्त दिनक्रम से समय निकालकर बड़ी तत्परता से प्रस्तावना लिख भेजी, जिससे पुस्तक की उपयोगिता में वृद्धि हुई है। मैं श्री बच्चनजी की शतश: आभारी हूँ।—मीना मंगेशकर-खडीकर