आमतौर पर किसी भी व्यक्ति में यह प्रवृत्ति होती है कि वह बिना मेहनत किए सबकुछ पा लेना चाहता है। इसी प्रवृत्ति के चलते लोग शेयर बाजार में बगैर कोई पुस्तक पढ़े, बगैर मेहनत किए सीधे ही सुनी-सुनाई बातों और दोस्तों की सलाह से निवेश कर बैठते हैं तथा अपनी पूरी पूँजी गँवाकर जिंदगी भर शेयर बाजार फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑहृश्वशन ट्रेडिंग को कोसते रहते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग में लोग साधारण शेयर खरीदने-बेचने की तुलना में 10 गुना ज्यादा तेजी से पैसा कमा सकते हैं और इसका विपरीत भी उतना ही सत्य है कि लोग दस गुना तेजी से पैसे गँवा भी सकते हैं।
ट्रेडिंग को बैंक एफ.डी. की तरह निश्चित रिटर्न देने वाला निवेश न समझें। निवेश व ट्रेडिंग दो अलग-�... See more
आमतौर पर किसी भी व्यक्ति में यह प्रवृत्ति होती है कि वह बिना मेहनत किए सबकुछ पा लेना चाहता है। इसी प्रवृत्ति के चलते लोग शेयर बाजार में बगैर कोई पुस्तक पढ़े, बगैर मेहनत किए सीधे ही सुनी-सुनाई बातों और दोस्तों की सलाह से निवेश कर बैठते हैं तथा अपनी पूरी पूँजी गँवाकर जिंदगी भर शेयर बाजार फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑहृश्वशन ट्रेडिंग को कोसते रहते हैं। ऑप्शन ट्रेडिंग में लोग साधारण शेयर खरीदने-बेचने की तुलना में 10 गुना ज्यादा तेजी से पैसा कमा सकते हैं और इसका विपरीत भी उतना ही सत्य है कि लोग दस गुना तेजी से पैसे गँवा भी सकते हैं।
ट्रेडिंग को बैंक एफ.डी. की तरह निश्चित रिटर्न देने वाला निवेश न समझें। निवेश व ट्रेडिंग दो अलग-अलग सिद्धांत हैं। ट्रेडिंग में नफा-नुकसान दोनों हो सकते हैं, इसलिए इस पुस्तक के शुरुआती अध्यायों में आपको ऑप्शन ट्रेडिंग की मानसिक परिपक्वता तैयार करने तथा पोजीशन साइज मैनेज करने के जो सिद्धांत बताए गए हैं, वे पुस्तक के आवश्यक भाग हैं। अपेक्षा की जाती है कि पाठक शुरुआती अध्यायों को ध्यानपूर्वक पढ़कर तथा अमल करके पहले ट्रेडिंग के लिए मानसिक रूप से पर्याहृश्वत परिपक्वता अर्जित करें, फिर पोजीशन साइज के अनुसार वे कितनी पोजीशन लेंगे, यह सुनिश्चित करें और किसी भी परिस्थिति में लालच करने एवं ओवर पोजीशन लेने से बचें। इसमें पाठकों को जो भी सिद्धांत बताए हैं, उनमें कम-से-कम एक माह तक पेपर ट्रेड करके अनुभव अर्जित करें।
शेयर बाजार के एक महत्त्वपूर्ण घटक ‘ऑप्शन ट्रेडिंग’ पर एक संपूर्ण व्यावहारिक पुस्तक।