9789355625755 : Power Thinkingएक दिन में कई दिन का काम कैसे करेंतीन आदतों के गुलाम बनकर अपनी जिंदगी आज बदलिएहॉट 25 लिस्ट और रोल मॉडल से एक शक्तिशाली नेटवर्क कैसे बनाएँपावर शुक्रिया और पावर भाषा से जिंदगी को पावरफुल कैसे बनाएँखुद की डटकर मार्केटिंग क्यों और कैसे करेंबड़ी जीत का ग्लोबल माइंडसेट कैसे बनाएँरोना, बहानेबाजी, दोषारोपण, टाइमपास छोड़कर आज से इस पुस्तक में दी गई वर्कशीट और सलाह पर डटकर काम कीजिए। ऐसे जिंदगी बदलेगी मानो चमत्कार हो गया हो।
9789348402820 : Safalta Ke Sootra | A Guide To Building Good Thoughts To Boost Confidence And Motivationधर्म-ग्रंथ हमारे जीवन को सही दिशा में ले जाने वाले शाश्वत सत्य, नैतिक मूल्यों और धर्म उच्च आदर्शों का संग्रह हैं। चाहे वे किसी भी संस्कृति या ध�... See more
9789355625755 : Power Thinkingएक दिन में कई दिन का काम कैसे करेंतीन आदतों के गुलाम बनकर अपनी जिंदगी आज बदलिएहॉट 25 लिस्ट और रोल मॉडल से एक शक्तिशाली नेटवर्क कैसे बनाएँपावर शुक्रिया और पावर भाषा से जिंदगी को पावरफुल कैसे बनाएँखुद की डटकर मार्केटिंग क्यों और कैसे करेंबड़ी जीत का ग्लोबल माइंडसेट कैसे बनाएँरोना, बहानेबाजी, दोषारोपण, टाइमपास छोड़कर आज से इस पुस्तक में दी गई वर्कशीट और सलाह पर डटकर काम कीजिए। ऐसे जिंदगी बदलेगी मानो चमत्कार हो गया हो।
9789348402820 : Safalta Ke Sootra | A Guide To Building Good Thoughts To Boost Confidence And Motivationधर्म-ग्रंथ हमारे जीवन को सही दिशा में ले जाने वाले शाश्वत सत्य, नैतिक मूल्यों और धर्म उच्च आदर्शों का संग्रह हैं। चाहे वे किसी भी संस्कृति या धर्म से जुड़े हों, सभी धर्म- ग्रंथों का मूल उद्देश्य मानव को सत्तकर्म की ओर प्रेरित करना और जीवन में सच्ची सफलता का मार्ग दिखाना है। ये ग्रंथ हमें सिखाते हैं कि सत्य, अहिंसा, दया और क्षमा जैसे गुणों को अपनाकर हम न केवल अपने जीवन को श्रष्ठ बना सकते हैं, बल्कि समाज के कल्याण में भी योगदान दे सकते हैं।धर्म-ग्रंथ केवल आध्यात्मिक चिंतन ही नहीं हैं, बल्कि वे हमारे मानसिक, भावनात्मक और नैतिक विकास में भी सहायक हैं। इनमें दिए गए उपदेश जीवन के हर पहलू पर गहन दृष्टिकोण प्रदान करते हैं, जिससे हर व्यक्ति को अपनी रोजमर्रा की चुनौतियों का समाधान मिलता है।
9789352665174 : Arabpatiyon Jaisa Kaise Sochen?क्या आपने स्वयं से कभी कहा है—हाँ, मैं अमीर बन सकता हूँ! हो सकता है कि कहा हो या फिर नहीं भी। यही अमीर बनने की पहली व सबसे बड़ी शर्त है। यदि इस पर गंभीरता से विचार-विमर्श नहीं किया और यों ही अपने मन को समझा लिया कि ‘मैं अमीर बन सकता हूँ।’ तो असल बात बन न सकेगी। इससे पहले अमीर बनने की यात्रा शुरू हो पाना संभव नहीं है, क्योंकि यही जीवन बदलने वाली महान् यात्रा का प्रस्थान बिंदु है।सबसे पहले आप यह मानें कि आपने सचमुच में इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार नहीं किया है और फिर पूरी सहजता से पूछें, ‘क्या मैं अमीर बन सकता हूँ?’ हाँ, यह चिंतन-प्रक्रिया थोड़ी जटिल है, इसलिए न तो मन में उठ रहे भावों की तह में जाने से घबराएँ और न ही जल्दबाजी करें। खुद को सहज व संयत रखें और बस अपने विचारों को साक्षी भाव से देखें।