डॉ. तुलसी राम, सेन्टर फॉर रशियन एंड सेन्ट्रल एशियन स्ट्डीज, स्कूल ऑफ इन्टरनेशनल स्ट्डीज, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं तथा इस सेन्टर के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे विश्व कम्युनिस्ट आन्दोलन तथा रशियन मामलों के विशेषज्ञ हैं। उक्त विषयों के साथ-साथ ट्रांस काकेशिया एवं बाल्टिक राज्यों की राजनीति पर उनके निर्देशन में लगभग 50 छात्र एम-फिल./पी-एच.डी. कर चुके हैं। डॉ. तुलसी राम को अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध आन्दोलन, दलित राजनीति तथा साहित्य में भी विशेषज्ञता हासिल है। उन्होंने इन विषयों पर सैकड़ों लेख लिखे हैं। एक कट्टर धर्मनिरपेक्ष विद्वान के रूप में मार्क्स, बुद्ध तथा डॉ. अम्बेडकर उनके... See more
डॉ. तुलसी राम, सेन्टर फॉर रशियन एंड सेन्ट्रल एशियन स्ट्डीज, स्कूल ऑफ इन्टरनेशनल स्ट्डीज, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं तथा इस सेन्टर के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वे विश्व कम्युनिस्ट आन्दोलन तथा रशियन मामलों के विशेषज्ञ हैं। उक्त विषयों के साथ-साथ ट्रांस काकेशिया एवं बाल्टिक राज्यों की राजनीति पर उनके निर्देशन में लगभग 50 छात्र एम-फिल./पी-एच.डी. कर चुके हैं। डॉ. तुलसी राम को अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध आन्दोलन, दलित राजनीति तथा साहित्य में भी विशेषज्ञता हासिल है। उन्होंने इन विषयों पर सैकड़ों लेख लिखे हैं। एक कट्टर धर्मनिरपेक्ष विद्वान के रूप में मार्क्स, बुद्ध तथा डॉ. अम्बेडकर उनके हीरो हैं। वे 'अश्वघोष’ नामक प्रसिद्ध बुद्धिस्ट एवं साहित्यिक पत्रिका के सम्पादक रह चुके हैं। उनकी प्रमुख रचनाओं में 'अंगोला का मुक्ति संघर्ष’, 'सी.आई.ए. : राजनीतिक विध्वंस का अमरीकी हथियार’, 'द हिस्ट्री ऑफ कम्युनिस्ट मूवमेंट इन ईरान’, 'पर्सिया टू ईरान’ (वन स्टेप फारवर्ड टू स्टेप्स बैक), 'आइडिओलॉजी इन सोवियत-ईरान रिलेशन्स’ (लेनिन टू स्टालिन) तथा 'मुर्दहिया’ आदि शामिल हैं।