ख़ालिद मोहम्मद ख़ान, नवाब सरदार दोस्त मुहम्मद ख़ान, संस्थापक रियासत भोपाल (मध्य प्रदेश) के परिवार से है। उनके द्वारा इस पुस्तक में जंगे आज़ादी के भूले-बिसरे मुसलमान पुरुष एवं महिला सेनानियों के संबंध में लिखा जाना समय की ख़ास ज़रूरत है। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए ख़ालिद मोहम्मद ख़ान की कड़ी मेहनत प्रशंसनीय है। वैसे तो मुस्लिम पुरुष स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के संबंध में कहीं से कभी पढ़ने या सुनने में आ जाता है, लेकिन इस पुस्तक की एक विशेषता यह भी है कि इसमें 6 दर्जन अधिक मुस्लिम महिला स्वतंत्रता सेनानियों के नाम अंकित किये गए हैं। साथ ही उदहारण स्वरुप 10 मुस्लिम महिला स्वतंत्रता सेनानियों की, देश के प्रति त्य�... See more
ख़ालिद मोहम्मद ख़ान, नवाब सरदार दोस्त मुहम्मद ख़ान, संस्थापक रियासत भोपाल (मध्य प्रदेश) के परिवार से है। उनके द्वारा इस पुस्तक में जंगे आज़ादी के भूले-बिसरे मुसलमान पुरुष एवं महिला सेनानियों के संबंध में लिखा जाना समय की ख़ास ज़रूरत है। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए ख़ालिद मोहम्मद ख़ान की कड़ी मेहनत प्रशंसनीय है। वैसे तो मुस्लिम पुरुष स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के संबंध में कहीं से कभी पढ़ने या सुनने में आ जाता है, लेकिन इस पुस्तक की एक विशेषता यह भी है कि इसमें 6 दर्जन अधिक मुस्लिम महिला स्वतंत्रता सेनानियों के नाम अंकित किये गए हैं। साथ ही उदहारण स्वरुप 10 मुस्लिम महिला स्वतंत्रता सेनानियों की, देश के प्रति त्याग, बलिदान एवं वीरता के कारनामों का विस्तृत रूप से उल्लेख किया गया है। आशा है कि इस पुस्तक को पढ़ कर देश के विभिन्न समुदायों के बीच दूरियां कम होगीं। —मंज़ूर एहतिशाम, हिंदी साहित्यकार, भोपाल, पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित