रामदास, एक उद्दंड और आवारा लड़का, दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में तीन बार फेल हो चुका था। विद्यालय की खिड़कियों के शीशे तोड़ना, शिक्षकों पर हाथ उठाना — यह सब उसके लिए सामान्य बात थी। लेकिन उसके जीवन में नया मोड़ आता है जब एक आदर्शवादी शिक्षक उसकी कक्षा में आते हैं। यह शिक्षक रामदास की उद्दंडता को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं और उसे ट्यूशन भी देने लगते हैं। इसी बीच, रामदास की कक्षा में पढ़ने वाली एक सुंदर छात्रा ‘रंजना’ से वह प्रेम करने लगता है। रंजना भी उसे पसंद करने लगती है। अब रामदास के जीवन में दो शक्तिशाली प्रभाव होते हैं — एक ओर उसके आदर्शवादी शिक्षक जो उसे एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करते हैं, �... See more
रामदास, एक उद्दंड और आवारा लड़का, दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में तीन बार फेल हो चुका था। विद्यालय की खिड़कियों के शीशे तोड़ना, शिक्षकों पर हाथ उठाना — यह सब उसके लिए सामान्य बात थी। लेकिन उसके जीवन में नया मोड़ आता है जब एक आदर्शवादी शिक्षक उसकी कक्षा में आते हैं। यह शिक्षक रामदास की उद्दंडता को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं और उसे ट्यूशन भी देने लगते हैं। इसी बीच, रामदास की कक्षा में पढ़ने वाली एक सुंदर छात्रा ‘रंजना’ से वह प्रेम करने लगता है। रंजना भी उसे पसंद करने लगती है। अब रामदास के जीवन में दो शक्तिशाली प्रभाव होते हैं — एक ओर उसके आदर्शवादी शिक्षक जो उसे एक बेहतर इंसान बनने के लिए प्रेरित करते हैं, तो दूसरी ओर रंजना का निर्मल प्रेम उसके जीवन को एक नई दिशा देने की कोशिश करता है। लेकिन जैसे ही उनके प्रेम संबंध का पता उनके शिक्षक को चलता है, वह बहुत दु:खी होते हैं और दोनों को समझाने की कोशिश करते हैं। पर क्या दोनों अपनी गलतियों को समझ पाते हैं? क्या उनका प्रेम और शिक्षक का आदर्शवाद रामदास को उस रास्ते पर ला पाएंगे, जिससे उसके जीवन में सचमुच बदलाव आए? यह उपन्यास न सिर्फ छात्र जीवन की जटिलताओं और संघर्षों को दर्शाता करता है, बल्कि आज की शिक्षा व्यवस्था और अध्यापक के किरदार को भी गहराई से उजागर करता है। एक प्रेम कहानी, एक संघर्ष और एक शिक्षक की प्रेरणा — यह सब एक अद्भुत सफर में बदल जाता है। क्या आप जानना चाहते हैं कि रामदास की कहानी का अंत क्या होता है? तो फिर इस दिलचस्प और भावनाओं से भरे उपन्यास को पढ़ना न भूलें! About the Author: Laxman Rao, author of 30 books, completed his postgraduation in M.A. (Hindi Literature) from Indira Gandhi National Open University (IGNOU). He has been awarded by various trusts and organisations. Also, he was invited to the President House to meet former President of India Smt. Pratibha Patil alongwith his family on 23 July, 2009. In addition to his achievements he has also been invited to many schools, universities, educational institutions, corporate seminars and NGO's as a guest lecturer." His Hindi novels have been widely read and praised by readers.