अपनी भावनाओं को दुश्मन नहीं, दोस्त बनाने के लिए पढ़ें... * दुःखद भावनाओं से मुक्ति का मार्ग * क्या रोना अच्छा है या कमज़ोरी है * असुरक्षा की भावना से मुक्ति कैसे मिले * भावनाओं को मुक्त करने के चार योग्य तरीके * भावनाओं से मुलाकात करने के चार उच्चतम तरीके * भावनाओं को अभिव्यक्त करने के सच्चे तरीके आपका इमोशनल कोशंट -एट- कितना है? क्या आपसे किसी ने उपरोक्त सवाल पूछा है? आज लोग आय.क्यू. का महत्त्व तो समझते हैं परंतु इ.क्यू. (इमोशनल कोशंट) का महत्त्व उससे अधिक है, यह कम लोग जानते हैं। भावनाओं से जूझ रहे इंसान के पास यदि ‘इ.क्यू.’ है तो वह जीवन की हर बाज़ी को पलट सकता है। परंतु यदि उसके पास इ.क्यू. नहीं है और केवल आय.क्यू. है तो उस कार�... See more
अपनी भावनाओं को दुश्मन नहीं, दोस्त बनाने के लिए पढ़ें... * दुःखद भावनाओं से मुक्ति का मार्ग * क्या रोना अच्छा है या कमज़ोरी है * असुरक्षा की भावना से मुक्ति कैसे मिले * भावनाओं को मुक्त करने के चार योग्य तरीके * भावनाओं से मुलाकात करने के चार उच्चतम तरीके * भावनाओं को अभिव्यक्त करने के सच्चे तरीके आपका इमोशनल कोशंट -एट- कितना है? क्या आपसे किसी ने उपरोक्त सवाल पूछा है? आज लोग आय.क्यू. का महत्त्व तो समझते हैं परंतु इ.क्यू. (इमोशनल कोशंट) का महत्त्व उससे अधिक है, यह कम लोग जानते हैं। भावनाओं से जूझ रहे इंसान के पास यदि ‘इ.क्यू.’ है तो वह जीवन की हर बाज़ी को पलट सकता है। परंतु यदि उसके पास इ.क्यू. नहीं है और केवल आय.क्यू. है तो उस कार्य को कर पाना उसके लिए मुश्किल हो सकता है। इसी लिए भावनात्मक परिपक्वता पाना महत्त्वपूर्ण है