लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी भारत के मेधावी युवाओं का संगम स्थल है, जहाँ भारत की सर्वोच्च नौकरियों में सफल युवा एक साथ तीन महीने के लिए रहते हैं, सीखते हैं एवं विचार-विनिमय करते हैं। वे भारतीयता के एक सूत्र में बँध जाते हैं।
मैंने कोलकाता के जिला निर्वाचन अधिकारी की हैसियत से कोलकाता में निर्वाचन में हेराफेरी के विरुद्ध बीड़ा उठाया। मैं जैसे ही मतदाताओं की पंक्ति में खड़े लोगों के पहचान-पत्र माँगता, ऐसे जालसाज मतदाता पंक्ति से निकलकर अदृश्य हो जाते। एक मतदान केंद्र पर कुछ ऐसे मतदाताओं को पकड़ा, जो दूसरे के नामों पर मतदान करने का प्रयास कर रहे थे। यह खबर बाहर फैल गई एवं मतदान केंद्र के पा�... See more
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी भारत के मेधावी युवाओं का संगम स्थल है, जहाँ भारत की सर्वोच्च नौकरियों में सफल युवा एक साथ तीन महीने के लिए रहते हैं, सीखते हैं एवं विचार-विनिमय करते हैं। वे भारतीयता के एक सूत्र में बँध जाते हैं।
मैंने कोलकाता के जिला निर्वाचन अधिकारी की हैसियत से कोलकाता में निर्वाचन में हेराफेरी के विरुद्ध बीड़ा उठाया। मैं जैसे ही मतदाताओं की पंक्ति में खड़े लोगों के पहचान-पत्र माँगता, ऐसे जालसाज मतदाता पंक्ति से निकलकर अदृश्य हो जाते। एक मतदान केंद्र पर कुछ ऐसे मतदाताओं को पकड़ा, जो दूसरे के नामों पर मतदान करने का प्रयास कर रहे थे। यह खबर बाहर फैल गई एवं मतदान केंद्र के पास सैकड़ों लोगों की भीड़ एकत्र हो गई, ताकि उन जालसाज लोगों को पुलिस थाने न ले जाया जा सके। भीड़ ने मुझ पर पथराव शुरू कर दिया।
मुझे कई वर्षों बाद यह जानकर दु:ख हुआ कि ममता बनर्जी सरकार, जो इन चाय बागानों को खोलने का श्रेय लेकर भी इन चाय बागानों को वे सभी सुविधाएँ देने से कतराती रही, जो इन्हें सरकारी आदेशनामे में काले-सफेद के रूप में दिया गया था। —इसी पुस्तक से
एक IAS की आत्मकथा प्रमोद कुमार अग्रवाल का आत्मकथात्मक वृत्तांत है, जिसमें उन्होंने अपने प्रशासनिक जीवन पर विशेष प्रकाश डाला है। जीवन में सफलता पाने के लिए व्यावहारिक सूत्र बताती यह आत्मकथात्मक कृति सबको, विशेष रूप से युवाओं को प्रेरित करेगी और उनका पथ-प्रदर्शन करेगी।