लोग शायरी क्यों करते हैं, शेर क्यों कहते हैं ये ठीक-ठीक कह पाना मुश्किल है। इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश में ही शायद बरसों से शायरी हो रही है और शेर कहे जा रहे हैं। शायरी न होती तो जाने कितनी बातें अनकही रह जातीं और कितने जज्बों को इजहार नहीं मिल पाता। इन्सानी जज्बों की पेचीदगी को लफ्जों की आसानी देती कुछ गजलों ने इकट्ठा होकर इस किताब की शक्ल ले ली है जिसका नाम है वीराने तक जाना है! जिन्दगी की भाग-दौड़ में अक्सर नजर-अन्दाज़ कर दी जाने वाली बातें जब किसी शेर की शक्ल में सामने आती हैं तो आम होकर भी ये बातें हमें चौंका देती हैं। इसका मतलब ये निकलता है कि हमारे इर्द-गिर्द कुछ भी आम नहीं है। यही बात इस किताब में बार-बार क�... See more
लोग शायरी क्यों करते हैं, शेर क्यों कहते हैं ये ठीक-ठीक कह पाना मुश्किल है। इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश में ही शायद बरसों से शायरी हो रही है और शेर कहे जा रहे हैं। शायरी न होती तो जाने कितनी बातें अनकही रह जातीं और कितने जज्बों को इजहार नहीं मिल पाता। इन्सानी जज्बों की पेचीदगी को लफ्जों की आसानी देती कुछ गजलों ने इकट्ठा होकर इस किताब की शक्ल ले ली है जिसका नाम है वीराने तक जाना है! जिन्दगी की भाग-दौड़ में अक्सर नजर-अन्दाज़ कर दी जाने वाली बातें जब किसी शेर की शक्ल में सामने आती हैं तो आम होकर भी ये बातें हमें चौंका देती हैं। इसका मतलब ये निकलता है कि हमारे इर्द-गिर्द कुछ भी आम नहीं है। यही बात इस किताब में बार-बार कहने की कोशिश की गयी है। शायरी में रवायत का हाथ थामे हुए भी एक अलग डिक्शन पैदा किया जा सकता है, ऐसे शेर कहे जा सकते हैं जो अपने वक़्त की ज़बान और जज्बात के साथ मेल खाते हों। ऐसे ही कुछ शेर इस किताब में पढ़े जा सकते हैं जो एक ही वक्त में नये और पुराने दोनों लगते हैं। हमने अपने मौसम अपने रंग-ओ-बू ईजाद किये वरना बोलो इस दुनिया ने हम जैसे कब याद किये। सोशल मीडिया के आने से कला को देखने-समझने का ढंग बदला है। शायरी भी इस बदलाव से अछूती नहीं रही है। यही वजह है कि शायरी भी नित-नये रूप बनाकर अपने सुनने-पढ़ने वालों तक पहुँच रही है। विशाल बाग़ कश्मीर में जन्मे विशाल बाग़ पेशे से इंजीनियर हैं और ग़जल से मुहब्बत करते हैं। आसान अल्फाज में पिरोया नर्म लहजा उनकी शायरी की खासियत है। कश्मीरी, हिन्दी, उर्दू, पंजाबी, मराठी और गुजराती आदि जबानों की अच्छी जानकारी ने उनकी शायरी को एक खुला कैनवस दिया है और यही वजह है कि वो शेर बड़ी ज़िम्मेदारी से कहते हैं। Subject : Poetry, Music and Ghazal