इस किताब में सिलसिला ए सोहरवर्दीया के सैय्यद जलालुद्दीन सुर्ख़ बुख़ारी रहमतुल्लाह अलैह और उनके लड़के सैय्यद अहमद कबीर बुख़ारी रहमतुल्लाह अलैह, सैय्यद जलालुद्दीन जहानियाँ जहाँगश्त रहमतुल्लाह अलैह और उनके भाई हज़रत सैय्यद राजु क़त्ताल बुख़ारी रहमतुल्लाह अलैह जैसे मुक़द्दस बुज़ुर्गों की ज़िन्दगी के हालात का ज़िक्र है सोहरवर्दी सिलसिले के बुज़ुर्गों का मक़सद दीगर सिलसिले के अकाबिर की तरह यही था के लोगों की दुरूस्ती ए हाल पर तवज्जो दें । उनके दिलों को नापाकीयों से पाक ओ साफ़ करके उनमें तौहीद का नूर दाख़िल किया जाए । इसी ख़ानवादा ए रिसालत की माया ए नाज़ शख़्सियतों में से एक हम शबीहे रसूल हज़रत शाहेआलम रहमतुल्लाह अलैह की ज़ात �... See more
इस किताब में सिलसिला ए सोहरवर्दीया के सैय्यद जलालुद्दीन सुर्ख़ बुख़ारी रहमतुल्लाह अलैह और उनके लड़के सैय्यद अहमद कबीर बुख़ारी रहमतुल्लाह अलैह, सैय्यद जलालुद्दीन जहानियाँ जहाँगश्त रहमतुल्लाह अलैह और उनके भाई हज़रत सैय्यद राजु क़त्ताल बुख़ारी रहमतुल्लाह अलैह जैसे मुक़द्दस बुज़ुर्गों की ज़िन्दगी के हालात का ज़िक्र है सोहरवर्दी सिलसिले के बुज़ुर्गों का मक़सद दीगर सिलसिले के अकाबिर की तरह यही था के लोगों की दुरूस्ती ए हाल पर तवज्जो दें । उनके दिलों को नापाकीयों से पाक ओ साफ़ करके उनमें तौहीद का नूर दाख़िल किया जाए । इसी ख़ानवादा ए रिसालत की माया ए नाज़ शख़्सियतों में से एक हम शबीहे रसूल हज़रत शाहेआलम रहमतुल्लाह अलैह की ज़ात बा-बरकात भी है । जो हज़रत क़ुत्बेआलम के साहबज़ादे और हज़रत जहानियाँ जहाँ-गश्त के पोते हैं, एसी हमगीर शख़्सियतों और उनके कारनामों पर आज से क़ब्ल कोई मुस्तनद किताब नहीं लिखी गई । और ना आपके बेशुमार कारहाए जमीला को सुपुर्द क़िरतास ओ क़लम किया गया और ना ही आपके आल व औलाद के नुमायाँ किरदार को उजागर किया गया जिससे आपकी शख़्सियत और आपके आल व औलाद के कारनामे आ’दाद व शुमार में आ सके । और ख़्वास से लेकर अवामुन्नास आपके तब्लीग़ी ख़िदमात से आशना हो सके । हमारी ये किताब “सीरते ख़ानदाने शाहे आलम” सादात बुख़ारी ख़ानदान के बुज़ुर्गों के हालात बयान करती है, सिर्फ़ अवाम तक इन बुज़ुर्गों के हालात पहुँचाकर लोगों की ईस्लाह करना हमारा मक़सद है । This book comprises all the historic details of Hazrat ShaheAlam رحمة الله‘s family such as where they came from, the nasab, family tree, their work for social welfare, their teachings, and about their descendants. This book lets you know about many other Sufi scholars of the Suharwardi tradition (silsila). The author has increased the beauty by adding references from authentic sources and has created an invaluable asset for the entire Muslim ummah. In the beginning, the author has shared the details about how the Sufis migrated towards Hindustan (it includes the nearby countries of India) from Madinah Via Iran, Afghanistan, Pakistan. Hazrat Jalaluddin Jahaniyan JahanGasht RA is a very well known personality of Islamic history. Must Read Book